रायपुर. जिस घर में क्लेश होता है, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता. घर और जीवन की खुशहाली ही व्यक्ति को जीवन में प्रगति के मार्ग पर ले जाती है. परिवार में व्याप्त कलह यानी की क्लेश से व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भर जाता है. परिवार में आर्थिक समस्या भी कलह का कारण बनती है. व्यापार में अचानक से हानि होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से असंतुलित होकर पारिवारिक कलह करता है, बीमार व्यक्ति अपनी मानसिक शांति खो देता है और घर में कलेश रहने लगता है. कुंडली दोष के साथ-साथ ग्रहों के प्रतिकूल होने पर परिवार के सदस्यों में कलह होना सामान्य है.
कलह और संताप का अंत करने में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का महत्व बताया गया है. कृष्ण भक्ति आनंद, सुख और सौभाग्य लाने वाली मानी गई है. श्रीकृष्ण की हर लीला भी संकट और कलह नाशक ही नहीं, बल्कि हर इंसान को अपनी गुण और शक्तियों को पहचान उनसे सफलता पाने का संदेश देती हैं.
- गृह कलह से मुक्ति के लिए रात को सोते समय पूर्व की और सिर रखकर सोए. इससे आपको तनाव से राहत मिलेगी. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- चीटियों के बिल के पास शक्कर या आटा व चीनी मिलाकर डालने से गृहस्थ की समस्याओं का निवारण होता है. ऐसा नियमित 40 दिन तक करें.
- यदि पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव अधिक बढ़ गया है तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में फेंकने से तनाव दूर होगा.
- पांच गोमती चक्र को लाल सिंदूर की डिब्बी में घर के अंदर श्रृंगार वाले स्थान या पूजा में रखने से दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
- छोटी कन्या को शुक्रवार को मीठी वस्तु खिलाने और भेंट करने से आपके संकटों का निवारण होता है.
- ससुराल में सुखी रहने के लिए कन्या अपने हाथ से हल्दी की पांच साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की दिशा की ओर फेंक दें. ऐसा करने से ससुराल में सुख एवं शांति का वास रहता है.