रायपुर. 4 दिसंबर 2021 को लगने वाला इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण इस बार ज्योतिष की दृष्टि से बात खास रहने वाला है। यह ग्रहण बड़ी ज्योतिषीय हलचल का साक्षी बनेगा। इस ग्रहण के दिन वृश्चिक राशि में चार ग्रह एक साथ गोचर करेंगे. वृश्चिक राशि में इस दिन पाप ग्रह केतु, चंद्रमा, सूर ग्रह मौजूद रहेंगे. इस दौरान 2 ग्रह अस्त रहेंगे और 2 ग्रह वक्री अवस्था में होंगे। इस दिन बुध और सूर्य से बुधादित्य योग भी बनेगा। लेकिन केतु और चंद्रमा से ग्रहण भी योग भी बनने जा रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि वालों को खास तौर पर सावधान रहना होगा क्योंकि इसी राशि पर ग्रहण लगने जा रहा है। वृश्चिक राशि चंद्रमा की नीच राशि भी है। इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण का योग बना है।जिसमें से एक सूर्य ग्रहण बीते 10 जून 2021 को लग चुका है. अब 04 दिसंबर 2021 शनिवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को इस साल के दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण का ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोगों व खगोल विज्ञानियों को इंतजार है।
सूर्य को ग्रहों का अधिपति भी कहा जाता है। यानि सूर्य सभी ग्रहों में एक राजा की हैसियत रखते हैं। यही कारण है कि सूर्य ग्रहण की घटना को ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है।
अगर हम विज्ञान की दृष्टि से बात करें तो जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चांद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है। अब 4 दिसंबर को जब अमावस्या के दिन आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा तो इस दिन चंद्रमा और बुध ग्रह अस्त रहेंगे। जबकि राहु और केतु अपने स्वभाव के अनुसार वक्री रहेंगे। इस दिन राहु वृष राशि में, मंगल तुला राशि में , शुक्र धनु राशि में, शनि अपनी मकर राशि में और देव गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में गोचर कर रहे होंगे जबकि वृश्चिक राशि में केतु, चंद्रमा, बुध और सूर्य ये चार ग्रह एक साथ होंगे। सूर्य ग्रहण के ठीक एक दिन बाद यानि 05 दिसंबर 2021 को मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर होगा यानि मंगल का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा।
ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रहण की घटना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है तो मेष से मीन राशि तक इसका प्रभाव देखने को मिलता है. इसके साथ ही देश दुनिया पर भी ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को वृश्चिक राशि में लग रहा है तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक वृश्चिक राशि वालों पर ही देखने को मिलेगा। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इस दौरान वृश्चिक राशि वालों को क्रोध, तनाव और अहंकार से दूर रहना चाहिए। धन और सेहत के मामले में भी सावधान रहना होगा।
नहीं होगा सूतक काल 4 दिसंबर 2021 को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक नियमों का पालन नहीं किया जाएगा. यह सूर्य ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। सूतक काल का नियम उसी दशा में पालन किया जाता है जब ग्रहण पूर्ण हो। सूतक काल में शुभ कार्य, पूजा पाठ और भोजन आदि जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन जब ग्रहण आंशिक या उपछाया होता है तो सूतक काल के नियमों का पालन करना आवश्यक नहीं माना गया है। 4 दिसंबर को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा इसलिए शुभ कार्य भी वर्जित नहीं होंगे और इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगे। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा.
गर्भवती स्त्रियों को रखनी होगी विशेष सावधानी
फिर भी गर्भवती स्त्रियों के लिए विशेष सावधानी जरूरी रहेगी। पौराणिक मान्यता है कि ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है तो सूर्य और चंद्रमा पीड़ित हो जाते हैं। ग्रहण के समय कई तरह की ऊर्जा उत्पन्न होती है। जो गर्भ में पल रहे शिशु पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को विशेष उपाय करने की भी सलाह दी जाती है। ग्रहण के समय तेज धार वाली चीजों से भी दूरी बनाकर रखना चाहिए. इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए
1. ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें। ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान आदि कर लेना शुभ माना जाता है।
2. ग्रहण काल में अपने इष्ट देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ होता है।
3. सूर्य ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
4. ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
5. ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए। पंडित यशवर्धन पुरोहित