भुवनेश्वर : भर्ती धोखाधड़ी पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने एम्स-भुवनेश्वर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुधीर कुमार प्रधान और पाँच अन्य के खिलाफ ग्रुप-बी और ग्रुप-सी के पदों की भर्ती प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार, जालसाजी और रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने मार्च में एक प्रारंभिक जाँच के बाद जाँच शुरू की, जिसमें जाली शैक्षिक और कार्य अनुभव प्रमाणपत्रों से जुड़ी एक आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ। आरोपियों ने कथित तौर पर 1 जुलाई, 2023 को विज्ञापित पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में हेराफेरी की।
बॉम्बे इंटेलिजेंस सिक्योरिटी (इंडिया) लिमिटेड की कर्मचारी श्रुति सागर कर पर अपनी पत्नी राजश्री पांडा सहित अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के लिए इस घोटाले की साजिश रचने का आरोप है। प्राथमिकी में कहा गया है कि फर्जी प्रमाण पत्र श्री कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, गाजियाबाद नामक एक गैर-मौजूद संस्थान द्वारा जारी किए गए थे, जो एक काल्पनिक एलाइड हेल्थकेयर काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़ा है।

इसके अलावा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर से प्राप्त फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल उम्मीदवारों की योग्यता को गलत तरीके से प्रमाणित करने के लिए किया गया। प्रधान कथित तौर पर गाजियाबाद संस्थान से प्राप्त सत्यापन पत्र की सूचना देने में विफल रहे, जिससे फर्जी नियुक्तियाँ बेरोकटोक जारी रहीं।
सीबीआई घोटाले की गंभीरता और अन्य अधिकारियों की संभावित संलिप्तता की जाँच जारी रखे हुए है।
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