कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कोलकाता स्थित आवास सहित अन्य 14 ठिकानों पर छापा मारा. यह घटनाक्रम सीबीआई द्वारा कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं का मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद हुआ है, जहां 9 अगस्त को एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी.

सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में ले ली है. डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद उच्च न्यायालय ने पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी सीबीआई को सौंप दी, ताकि “व्यापक और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके”.

अदालत ने यह आदेश डॉ. अख्तर अली की याचिका पर पारित किया था, जो 2023 तक अस्पताल के उप अधीक्षक थे. अली ने बुधवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर घोष के कार्यकाल के दौरान सामने आए कथित कदाचार और वित्तीय घोटालों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने का अनुरोध किया. अली ने अपनी याचिका में घोष पर अवैध रूप से लावारिस शवों का इस्तेमाल करने, अवैध रूप से बायोमेडिकल कचरा बेचने और दवा और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए गए कमीशन के खिलाफ टेंडर पास करने का आरोप लगाया है.

अली ने यह भी आरोप लगाया है कि छात्रों पर परीक्षा पास करने के लिए 5 से 8 लाख रुपये तक की राशि का भुगतान करने का दबाव बनाया गया था. अली ने याचिका दायर करने के बाद कहा, “जुलाई 2023 में मैंने राज्य सतर्कता आयोग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन घोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. मैं चाहता हूं कि इस रैकेट में शामिल सभी लोगों का पर्दाफाश हो.”

9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के बाद मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में आया था. मुख्य संदिग्ध, कोलकाता पुलिस के लिए काम करने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, और वर्तमान में वह हिरासत में है.