नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं बोर्ड परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2026 से बोर्ड साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित करेगा। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी दी है।

दो चरणों में होगी परीक्षा

नई व्यवस्था के तहत 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी।

  • पहला चरण फरवरी में
  • दूसरा चरण मई में

पहले चरण की परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी। जबकि दूसरे चरण की परीक्षा वैकल्पिक रहेगी और उसमें वे छात्र शामिल हो सकेंगे जो अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं।

सिलेबस रहेगा समान, केंद्र भी एक

दोनों चरणों में परीक्षा एक ही सिलेबस पर आधारित होगी और पूर्ण पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा केंद्र दोनों चरणों में समान रहेंगे ताकि छात्रों को बार-बार बदलाव का सामना न करना पड़े।

रजिस्ट्रेशन के समय ही देनी होगी दोनों परीक्षाओं की फीस

CBSE के अनुसार, परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करते समय ही दोनों चरणों की परीक्षा फीस जमा करनी होगी। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया आसान होगी और छात्रों को बार-बार आवेदन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

बोर्ड देगा अंकों में सुधार का अवसर

बोर्ड का यह प्रयास छात्रों को आत्ममूल्यांकन का अवसर देना है। यदि कोई छात्र दोनों चरणों में परीक्षा देता है, तो फाइनल रिजल्ट में उस विषय के उच्चतम अंक माने जाएंगे। उदाहरण के तौर पर, यदि गणित में पहली परीक्षा में 70 और दूसरी में 78 अंक आते हैं, तो 78 अंक ही अंतिम परिणाम में शामिल किए जाएंगे।

तीन से ज्यादा विषय छोड़ने पर नहीं मिलेगा दूसरा मौका

CBSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि छात्र केवल तीन विषयों तक ही अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए दूसरी परीक्षा में बैठ सकेंगे। यदि कोई छात्र पहले चरण की परीक्षा में तीन या तीन से अधिक विषयों में अनुपस्थित रहता है, तो उसे दूसरे चरण में बैठने का अवसर नहीं मिलेगा।

संभावित परीक्षा तिथियां घोषित

बोर्ड द्वारा जारी ड्राफ्ट शेड्यूल के अनुसार पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 के बीच आयोजित हो सकती है। दूसरी परीक्षा 5 मई से 20 मई 2026 के बीच संभावित है। इन परीक्षाओं के परिणाम क्रमशः अप्रैल और जून में घोषित किए जाएंगे।

इंटरनल असेसमेंट रहेगा साल में एक बार

नए नियमों के तहत इंटर्नल असेसमेंट साल में केवल एक बार ही किया जाएगा। यह मूल्यांकन दोनों परीक्षाओं के लिए लागू होगा, जिससे विद्यालयों पर कार्यभार कम होगा और मूल्यांकन में एकरूपता बनी रहेगी।

नई शिक्षा नीति के अनुरूप निर्णय

यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के सुझावों के अनुरूप है जिसका उद्देश्य बोर्ड परीक्षाओं को कम दबाव वाला और अधिक लचीला बनाना है। नीति के तहत यह सिफारिश की गई थी कि छात्रों को एक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए।

सर्दी प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष सुविधा

सीबीएसई ने बताया कि जो छात्र सर्दी-प्रभावित इलाकों में पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें किसी भी एक चरण की परीक्षा में शामिल होने की छूट दी जाएगी ताकि मौसम की बाधाएं उनके परीक्षा प्रदर्शन में रुकावट न बनें।

जनता से सुझाव लेकर बनाया गया निर्णय

फरवरी 2025 में ड्राफ्ट नियमों को सार्वजनिक मंच पर रखा गया था ताकि अभिभावकों छात्रों और शिक्षकों से प्रतिक्रिया ली जा सके। व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही सीबीएसई ने यह नई प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है।

छात्रों को मिलेगा सुधार का अवसर

CBSE की यह नई पहल उन छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी जो पहली बार में अपनी उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। अब उन्हें बिना साल दोहराए, उसी सत्र में अंकों में सुधार का अवसर मिलेगा। यह व्यवस्था विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को भी कम करेगी।

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