रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक कथित सेक्स सीडी का सच क्या है. इससे जानने में आम लोगों की दिलचस्पी कितनी है ये तो पता नहीं, लेकिन फिलहाल सियासी दल और मीडिया में ये सबसे ज्यादा दिलचस्प, रोचक और अहम है. यही वजह की अनगिनत सवालों के बीच कई तरह की अफवाहें चर्चा में है. जैसे कहीं-कहीं से खबर आ रही है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की गिरफ्तारी होगी. सीबीआई ने जांच के बिंदु तय कर लिए हैं, एक महापौर सहित कुछ कांग्रेसी और भाजपा नेता के नाम पूछताछ में शामिल है. खैर ऐसी खबरें मीडिया में वायरल हो रही है, लेकिन सच क्या इसके पुख्ता आधार फिलहाल किसी के पास नहीं है. बीते 4 दिनों से सीबीआई छत्तीसगढ़ में है, क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ सीबीआई की कई बैठकें और अब तक के जांच निष्कर्षों पर चर्चा भी हो गई. सीबीआई को एसआईटी ने कुछ दस्तावेज और साक्ष्य भी दिए हैं, जो राजधानी पुलिस ने हासिल किए थे.
लेकिन सीडी और सीबीआई के बीच कांग्रेस-भाजपा में लड़ाई तेज हो गई है. दोनों ही दल के नेता एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं. कांग्रेस का दावा कि सीडी बनाने में भाजपा नेता का हाथ है, तो बीजेपी कह रही कांग्रेस के नेता तो सीबीआई के घेरे में हैं. सियासी दल के भीतर कौन सच्चा और कौन झूठा है ये सीबीआई जांच पूरी होने के बाद पता चल पाएगा.
फिलहाल सवाल ये है कि एफआईआर दर्ज करने के बाद क्या वाकई सीबीआई जल्द भूपेश बघेल को गिरफ्तार करने जा रही है? सवाल ये भी कि क्या एसआईटी की जांच में भाजपा नेता के खिलाफ सबूत मिले हैं? सवाल ये भी कि क्या कांग्रेस जो आरोप लगा रही है उसमें एसआईटी जांच के तथ्य शामिल है? सवाल ये भी कि सीबीआई के घेरे में कौन-कौन है? सवाल ये भी कि सीबीआई जांच में क्या उस मंत्री को अलग रखा जाएगा जिन्हें लेकर ही ये पूरा सियासी बवाल मचा है और जांच राज्य की पुलिस के बाद सीबीआई के हाथों में चली गई?
इन सवालों से इतर भी कई सवाल सीडी मामले में है. लेकिन सवाल ये भी तो है कि इन सवालों का जवाब फिलहाल देगा कौन, इस पर बोलेगा कौन और अगर कोई बोलेगा तो क्या वो सच बोलेगा इसकी कोई गारंटी भी है? मतलब ये कि मसला वही अटक जा रहा है जहां से कथित सीडी में मंत्री के होने, नहीं होने और फिर तत्काल क्लीनचिट देने के बाद सीबीआई जांच की घोषणा हो जाती है. मतलब ये भी कि है कि अगर आपको दिलचस्पी सीडीकांड में है तो फिर इसके पीछे की असल कड़ी की ओर जाना जरूरी है. कड़ी वो जो कांग्रेस-भाजपा की लड़ाई में और अब तक राजधानी पुलिस की जांच से हटी नजर आती है. कड़ी है ब्लैकमेलिंग की. अब यहां से इसी सवाल को उठाते हैं कि क्या कहीं किसी जगह ब्लैकमेलिंग की जांच का जिक्र हो रहा है? अगर हो रहा तो फिर ब्लैकमेलिंग की कड़ी जुड़ती कहां से है? सिर्फ वहीं से जहां से प्रकाश बजाज को एक अज्ञात फोन आता है या फिर इस कड़ी में भी कोई कड़ी है जो फिलहाल अब तक इन तमाम चर्चाओं और अफवाहों के साथ जांच से परे हैं?