अभिषेक सेमर, तखतपुर। छत्तीसगढ़ के मशहूर दानवीर स्व जनक लाल मोतीलाल पांडेय की स्मृति में आज बिलासपुर जिले के तखतपुर स्थित जनक लाल मोतीलाल पांडेय महाविद्यालय में उनके 105वीं जयंती पर कॉलेज प्रबंधन और एलुमनी एसोसिएशन समेत पूर्व छात्र छात्राओं के संयुक्त तत्वाधान में स्मरणाजली कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि कांग्रेस प्रदेश सचिव आशीष सिंह ठाकुर और जनक लाल मोती लाल पांडेय पारिवारिक सदस्य सहित कॉलेज प्रबंधन सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
इस अवसर पर दानवीर स्व जनक लाल मोतीलाल पांडेय के जीवन पर वक्ताओं ने सहयोग, समर्पण, प्रेम, आदर्श, संघर्ष, सदभावना, उपलब्धि का बखान किया. स्वर्गीय जनक लाल पांडे का जन्म 5 अप्रैल 1917 को ग्राम धर्मपुरा तहसील मुंगेली जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ के मालगुजार स्वर्गी मोतीलाल पांडे के यहां हुआ था.

उसकी प्रारंभिक शिक्षा मुंगेली में हुई तत्पश्चात हिंदू विश्वविद्यालय बनारस से होम्योपैथिक में स्नातक की उपाधि अर्जित की फिर उनका विवाह सन 1936 में रायपुर के प्रतिष्ठित पंडित जय लाल प्रसाद दुबे की सुपुत्री रमा भाई पांडे के साथ संपन्न हुआ था.
निस्वार्थ समाज सेवा जन कल्याण व परोपकार की भावना से ओतप्रोत राजनीति से विशेष लगाव ना होने के बावजूद स्वर्गीय जनक लाल पांडे अल्प आयु में ही मुंगेली जनपद सभा अध्यक्ष के पद पर आसीन होकर उनके जनहित के कार्य अपने निजी संपत्ति दान देकर किए, जिसके परिणाम स्वरूप मुंगेली एवं तखतपुर क्षेत्र के लोगों उनके कार्य को आज भी नहीं भुला सके हैं.
तखतपुर नगर में जिस स्थान पर स्वर्गी जनक लाल पांडे का देहावसान हुआ था. उनकी स्मृति में 100 एकड़ भूमि को बेचकर रमाबाई पांडे ने हाई स्कूल के लिए भूमि खरीदकर भवन का निर्माण कराया तथा क्षेत्र की जनता को अनुपम उपहार प्रदान किया उनकी दानवीरता का अद्भुत मिसाल वर्तमान में शासकीय जे एम पी महाविद्यालय तखतपुर है.
इस महाविद्यालय की भूमि व भवन के लिए भी उन्होंने 100 एकड़ भूमि बेचकर 14.4 एकड़ भूमि खरीद कर महाविद्यालय भवन निर्माण करवाया था तथा नवंबर 1973 में तखतपुर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय शिक्षण समिति तखतपुर को हस्तांतरित किया. इसी के उपरांत प राज्य शासन व विश्वविद्यालय की विधिवत अनुमति के उपरांत इस महाविद्यालय का नाम तखतपुर कला विज्ञान महाविद्यालय के स्थान पर जनक लाल मोतीलाल पांडे महाविद्यालय तखतपुर किया गया था.
1-10-1982 को शासनधीन होने के उपरांत भी अपनी दानवीरता की मिसाल देते हुए रमाबाई पांडे ने महाविद्यालय भवन के अधूरे कार्यों को पूर्ण करने हेतु एक लंबी राशि प्रदान करते हुए भवन को नया स्वरूप प्रदान कर संत कवि पवन दीवान के कर कमलों से अपने स्वर्गी पति जनक लाल पांडे जी की प्रतिमा का अनावरण 08-10 -1984 को कराया गया. तखतपुर नगर महाविद्यालय परिवार और संपूर्ण अंचल इनके पुनीत कार्यों को सदैव याद रखेगी. सामाजिक उत्थान एवं जनहित को आदर्श के रूप में आत्मसात करने वाली रमाबाई पांडे जनमानस की स्मृतियों में सदैव अमर रहेगी.
पारिवारिक सदस्य मुकेश पांडेय ने बताया कि स्व जनक लाल पांडेय का योगदान और दूरदर्शिता की वजह है कि उनके स्वर्गवास को 50 वर्ष से भी अधिक हो चुके हैं. शिक्षा के प्रति गहरी अभिरुचि होने के कारण स्वर्गीय जनक लाल पांडे ने मुंगेली जनपद अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिए. उन्होंने शिक्षा के लोकव्यापीकरण के लिए मुंगेली जनपद सभा के हर पांच गांव में एक प्राइमरी स्कूल और हर पांच प्राइमरी स्कूल में एक मिडिल स्कूल की स्थापना की बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी धर्मपत्नी रमाबाई पांडे के नाम से मुंगेली में दो मंजिला कन्या शाला भवन का निर्माण अपने निजी संपत्ति से करवाया जो उस समय स्थानीय क्षेत्रीय बालिकाओं को विद्या अध्ययन की सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य था. अपने गृह ग्राम सूरदा एवं धरमपुरा में प्राथमिक शाला भवन व भूदान किए इस तरह मुंगेली और तखतपुर में किये अनेक उपलब्धियों को क्षेत्र की जनता सदैव उनके नाम का स्मरण करती है.