नई दिल्ली। कोरोना काल में बाजार को रौनक करने के लिए केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के साथ राज्य सरकारों को खुश होने का मौका दिया है. इस कड़ी में जहां सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स देने के साथ फेस्टिवल एडवांस देने की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को 50 साल तक के लिए बिना ब्याज कर्ज और बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त देने का निर्णय लिया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं. मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उपभोक्ता खर्च और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है. सरकारी कर्मचारियों के एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स देने के साथ फेस्टिवल एडवांस दिए जाने की घोषणा की.

उन्होंने कहा कि एलटीसी के बदले डिजिटली नकद भुगतान होगा, जो 2018 से 2021 के लिए होगा. इसके जरिए ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा. इसी तरह सामान या सेवाएं जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर से लेना होगा और भुगतान डिजिटल होना चाहिए वित्त मंत्री ने बताया कि इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये मांग इकोनॉमी में पैदा होगी. वहीं फेस्टिवल एडवांस स्कीम की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इसके तहत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी तरह के कर्मचारियों को मिलेगा, जिसे वे 10 किस्त में जमा कर सकते हैं. यह 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा. यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा.

सरकार ने केवल अपने कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि राज्य सरकारों को दिवाली का तोहफा दिया है. वित्त मंत्री ने बताया कि 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा. तीन हिस्सों में बंटे इस रकम में 2500 करोड़ रुपए पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा. वहीं शेष 7500 करोड़ रुपए अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा. तीसरा 2,000 करोड़ रुपए उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर भारत में हुए ऐलान के तहत चार में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे. यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा. यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा.

यही नहीं वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल बजट में तय केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये देगी. यह खासकर सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, जलापूर्ति, शहरी विकास, डिफेंस के देश में बने कैपिटल इक्विपमेंट के लिए होगा.