कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तानसेन समारोह का इस साल शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। ऐसे में इस बार तानसेन समारोह के मुख्य मंच की थीम महेश्वर के किले पर रखी गई है। इसकी सुंदरता और भव्यता को दर्शाने के लिए 5D लुक में 40 वाय 80 का भव्य मंच तैयार किया जाएगा।

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दरअसल हर साल तानसेन समारोह के दौरान मुख्य मंच को मध्य प्रदेश की कला संस्कृति के आधार पर तैयार कराया जाता है। संस्कृति विभाग ने इस बार ग्वालियर के हजीरा स्थित तानसेन समाधि स्थल पर होने वाले 100वे तानसेंस समारोह 2024 में महेश्वर किले की थीम पर भव्य मंच तैयार कराए जाने का निर्णय किया है। MP की नर्मदा नदी के किनारे बसा महेश्वर शहर बहुत ही सुंदर भव्य घाट के साथ महेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी घाट किनारे बने महेश्वर किले का निर्माण 1700 ई. में होलकर स्टेट की महारानी देवी अहिल्या बाई होलकर ने करवाया था, ये किला आज भी होलकर राजवंश के साथ रानी अहिल्याबाई के शासनकाल की गौरव गाथा का बखान करता है।

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बतादें कि 14 दिसंबर को गमक के साथ तानसेन समारोह का आगाज होगा। 15 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम समाधि स्थल पर आयोजित होगा। जिला प्रशासन के मुताबिक कार्यक्रम में MP के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के शामिल होने की सम्भावना है। यह कार्यक्रम 19 दिसंबर तक ग्वालियर में आयोजित होगा। जिसमें 150 भारतीय और 10 विदेशी कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही लगभग 650 दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। खास बात यह है कि तानसेन शास्त्रीय संगीत के सुर सम्राट थे,उनका असली नाम रामतनु था और वह लगभग 1493 में पैदा हुए थे वही उनका निधन 26 अप्रैल 1589 का बताया जाता है।

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