चंडीगढ़। पंजाब में किसानों की खुदकुशी को लेकर आंकड़ों का खेल जारी है. दरअसल किसानों की खुदकुशी को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) लुधियाना के आंकड़े मेल नहीं खा रहे. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने आद गुरूवार को लोकसभा में कहा कि पंजाब में 2000 से 2018 तक 1 हजार 805 किसानों ने खुदकुशी की. इसके लिए उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला दिया. वहीं PAU की स्टडी के मुताबिक इन्हीं 18 वर्षों में 9,291 किसानों ने खुदकुशी की. बाकी खुदकुशी खेत मजदूरों ने की है.
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महाराष्ट्र नेता के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब
बता दें कि महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद सुरेश नारायण धनोड़कर ने लोकसभा में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की स्टडी की हवाला देकर सवाल पूछा था. जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने यह जानकारी दी. हालांकि PAU ने जो स्टडी की थी, वह पंजाब के 6 जिलों में संगरूर, बठिंडा, मोगा, लुधियाना, मानसा और बरनाला में ही थी.
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केंद्र पर जानबूझकर आंकड़े छिपाने का आरोप
पंजाब के वरिष्ठ किसान नेता राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर आंकड़े छिपा रही है. देश में किसानों की स्थिति ठीक है, ये साबित करने के लिए खुदकुशी के कम आंकड़े बताए जा रहे हैं.
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