Central Government Ordinance: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र सरकार का रुख पूछा और नोटिस जारी किया.

साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी को याचिका में संशोधन करने और उपराज्यपाल को मामले में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है. अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.

आप सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है, जो संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं है. दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को रद्द करने के साथ ही इस पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है.

पहली सुनवाई जुलाई में हुई थी

मामले की पहली सुनवाई 4 जुलाई को हुई थी. तब कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यपाल को नोटिस जारी किया था. 6 जुलाई को वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी.

क्या है केंद्र का अध्यादेश

दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और अन्य मामलों के संबंध में केंद्र सरकार 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी. अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया था और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अलग है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ट्रांसफर पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का अधिकार है.

Centre Ordinance
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