चंडीगढ़. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार छोड़ने के तुरंत बाद केंद्रीय एजेंसियों ने अकाली दल के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया और अकाली दल पर बेअदबी का आरोप लगाने के लिए अपने ही लोगों को भेजा.


अकाली दल अध्यक्ष ने पार्टी उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल के समर्थन में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयंभू नेता बलजीत सिंह दादूवाल समेत जिन लोगों ने आठ साल पहले बेअदबी के कृत्यों के लिए अकाली दल पर जबरदस्त हमला किया था वे सब अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. इससे साबित होता है कि अकाली दल को बदनाम करने और उसे कमजोर करने का यह एक कुटिल एजेंडा था.


सुखबीर बादल ने कहा कि अकाली दल निस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल जैसे नेताओं को तामिलनाडु, कोयम्बटूर और पंचमढ़ी जैसे सुदूर स्थानों में सोलह से अधिक समय तक जेल में रखा गया था और बादल साहिब ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए भी जमानत नहीं ली. उन्होंने कहा कि अब स्थिति बदल गई है और लोग अब चाहते हैं कि उन्हें एक साल के बाद ही जेल से बाहर निकाला जाए. बादल ने सिख धार्मिक संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए भाजपा की निंदा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार ने श्री हजर साहिब गरुद्वारा प्रबंधन बोर्ड के साथ छेड़छाड़ की है और इसे अपने नियंत्रण में लेने के लिए बोर्ड में 12 सदस्यों को नामित किया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों को भाजपा में शामिल कर लिया गया है, जबकि हरियाणा में एक अलग गुरुद्वारा कमेटी बनाने के लिए एसजीपीसी को तोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व वाली दिल्ली कमेटी जैसी भाजपा के नियंत्रण वाली सिख संस्थाएं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘धरना’ देने वालों को लंगर देने से इंकार कर रही है. इस अवसर पर अकाली दल अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ नेता और पार्टी के जनरल सचिव बलविंदर सिंह धूंदड़, दिलराज सिंह भंदड, बीबी हरगोबिंद कौर भी उपस्थित थे.