केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के एक प्रवर्तन निरीक्षक (इन्फोर्समेंट इंस्पेक्टर) को कथित तौर पर 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निरीक्षक की पहचान अमित कुमार श्रीवास्तव के रूप में हुई है.

 सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीवास्तव के खिलाफ उनके स्कूल के कर्मचारियों के लंबित भविष्य निधि (पीएफ) बकाया के निपटान के लिए शिकायतकर्ता से 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. यह आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता को कानपुर में ईपीएफओ से एक नोटिस मिला था, जिसमें उसे अपने कर्मचारियों के लंबित पीएफ बकाया के संबंध में दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया था.

अधिकारी ने आगे कहा, “आगे यह आरोप लगाया गया है कि पांच गैर-शिक्षण कर्मचारियों (नॉन टीचिंग स्टाफ) का पीएफ पिछले तीन वर्षों से जमा नहीं किया गया. यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने 4 लाख रुपये का अनुचित लाभ (रिश्वत) मांगा था और शिकायतकर्ता को धमकी दी थी कि यदि रिश्वत का भुगतान नहीं किया गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.”

इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 3 लाख रुपये लेते हुए आरोपी को पकड़ लिया.  आरोपी के कार्यालय और आवास की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.

 आरोपी को लखनऊ की सीबीआई अदालत में विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.