शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में कम मतदान को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह के बयान से केंद्रीय कर्मचारी नाराज हो गए हैं। केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति ने राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह को पत्र लिखकर संशोधित बयान जारी करने की मांग की है। संसोधित बयान नहीं जारी करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

दरअसल, 6 जुलाई को निकाय चुनाव के पहला चरण की वोटिंग हुई थी, लेकिन मतदान का प्रतिशत फीका रहा। प्रदेश में सिर्फ 60 प्रतिशत ही मतदान हुआ। कम मतदान और पर्चियों की हुई समस्या के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने इलेक्शन ड्यूटी में तैनात केंद्रीय कर्मचारियों को जिम्मेदार बताया था। निर्वाचन आयुक्त के बयान पर केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति ने नाराजगी जताई है। समिति ने निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह को पत्र लिखकर संशोधित बयान जारी करने की मांग की है।

केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति ने पत्र में लिखा है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त का बयान केंद्रीय कर्मचारियों की छवि धूमिल करने वाला है। केंद्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी सिर्फ मतदान अधिकारी और पीठासीन अधिकारी के रूप में लगाई गई थी। केंद्रीय कर्मचारियों के द्वारा मतदाता सूची में संसोधन और मतदान पर्चियों का वितरण नहीं किया जाता है। मतदान कम होने की वजह बीएलओं द्वारा घर-घर जाकर सर्वे नहीं करना और मतदाता सूची में संशोधित नहीं करना है। इसके साथ ही पर्चियों का वितरण भी बीएलओ की जिम्मेदारी है,लेकिन इसका ठिकरा केंद्रीय कर्मचारियों पर फोड़ा गया।

केंद्रीय कर्मचारी निर्वाचन आयुक्त के बयान से आक्रोशित है। कर्मचारियों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह से संशोधित बयान जारी करने की मांग की है। साथ ही ऐसा नहीं करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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