नई दिल्ली। पंचायत चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के राज्य के हर जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती के फैसले को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव कराना हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट का दिशा-निर्देश राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जिम्मेदारी को पूरा करने में मदद करेगा. पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट का निर्देश यह सुनिश्चित करेगा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में भी कराए जाएं. 

बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस नागरत्ना ने पूछा कि अभी वहां ग्राउंड सिचुएशन क्या है? राज्य सरकार के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है. आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. राज्य भर में 189 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं. हम सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं.  

बंगाल में हिंसा का पुराना इतिहास

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हाई कोर्ट ने ये आदेश इसलिए दिया कि राज्य में 2013 और 2018 मे हुए चुनाव के दौरान हिंसा का पुराना इतिहास रहा है. हिंसा के माहौल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए जा सकते. चुनाव तो निर्भय, निष्पक्ष और स्वतंत्र होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को इस बात की भी आजादी नहीं है कि वो नामंकन पत्र दाखिल कर पाएं क्योंकि उनकी हत्या हो रही है तो फिर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात का सवाल ही नहीं उठता.

बंगाल के कई जिलों में हिंसा

बता दें कि बंगाल में पंचायत चुनाव में नामांकन करने के लेकर लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रही थीं. नामांकन के पहले ही दिन मुर्शिदाबाद में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसके बाद दक्षिण परगना में टीएमसी के दो गुट ही आपस में भिड़े हुए थे. इसके अलावा कूचबिहार में टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी.  

8 जुलाई को होंगे पंचायत चुनाव  

राज्य चुनाव आयोग ने आठ जून को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान किया था. पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे. वहीं, 11 जुलाई को काउंटिंग होगी. पंचायत चुनाव के लिए नौ जून से नामांकन शुरू हुए थे, और 15 जून नामांकन भरने की आखिरी तारीख थी. 20 जून को नाम वापसी की अंतिम तारीख तय की गई है.