केंद्र सरकार ने 15 लाख टन धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी देकर पंजाब को बड़ी राहत दी है। यह निर्णय शेलर मिलर के लिए भी बेहद राहत देने वाला है। गर्मी बढ़ने के साथ मील में रखे धन में नमी आती है और इससे ही इसमें खराबी आने का डर भी बढ़ता है, ऐसी स्थिति में मिलारो को बड़ा नुकसान होता है, ऐसे में केन्द्र का यह निर्णय राहत देने वाला होगा।
चावल की देशभर से ज्यादा मांग न आने और गोदामों में चावल भरा होने के कारण इस साल धान की मिलिंग धीमी गति से हो रही है।

60 प्रतिशत धान अब भी है मील में
आपको बता दें कि पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सैणी का कहना है कि अब तक 60 प्रतिशत धान अभी भी शेलरों में लगा हुआ है, सिर्फ तक 40 प्रतिशत धान की मिलिंग हुई है ऐसे में मिलारो की समस्या बढ़ गई है। गर्मी बढ़ने के साथ मिलिंग में मुश्किल होगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग बेशक यह मान रहा हो कि उन्हें केंद्र से 15 लाख टन धान इथनॉल बनाने के लिए भेजने की मंजूरी मिल गई है लेकिन शेलर मालिक इसे बड़ी राहत नहीं मान रहे हैं।
गेहूं को लेकर अभी से है चिंता
धान उठा नहीं है और मिलरो को अभी से गेहूं की चिंता सताने लगी है। अप्रैल माह से मंडियों में गेहूं आनी शुरू हो जाएगी। ऐसे में ट्रांसपोर्ट उस तरफ लग जाएगी,गोदामों से धान को उठाने के लिए ट्रांसपोर्ट मिलनी ही मुश्किल हो जाएगी। पिछले सप्ताह इसी समस्या को लेकर शेलर मालिक मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से भी मिले थे। उन्हें अपनी समस्या से अवगत करवाया था।
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