Banke Bihari Temple: उत्तर प्रदेश (UP) के वृंदावन (Vrindavan) बांके बिहारी मंदिर को केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस को मंजूरी दे दी है. FCRA (Foreign Contribution (Regulation) Act) लाइसेंस मिलने के बाद अब विदेशी भक्त खुलकर मंदिर में दान कर सकेंगे. मंदिर के संचालन के लिए कोर्ट की ओर से गठित प्रबंधन समिति ने इस लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था. कोर्ट की मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने मंदिर को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम लाइसेंस को मंजूरी दी है.

पीएम मोदी के साथ इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की बैठक, आतंकवाद सहित कई मुद्दो पर लिए अहम फैसले, Indo-Pacific क्षेत्र में शांति-सुरक्षा को लेकर हुई चर्चा

बता दें कि एफसीआरए लाइसेंस के तहत कोई भी ‘व्यक्ति’ FCRA पंजीकरण और केंद्र सरकार से अनुमति के साथ एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम के लिए विदेशी योगदान प्राप्त कर सकता है. उल्लेखनीय है कि मंदिर का प्रबंधन पहले पुजारियों के परिवार की ओर से किया जाता था. वहीं वर्तमान में कोर्ट की ओर से किया जाता है, जिसने एक प्रबंधन समिति गठित हुई है. मंदिर के प्रबंधक मुनिश ने बताया कि मथुरा कोर्ट ने 2021-22 में ऑर्डर किया था.

Sankalp patra Part-3: दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प पत्र पार्ट-3 जारी, अमित शाह बोले- केजरीवाल वादे करते हैं, पूरे नहीं करते हैं

बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 550 साल पुराना है. पीढ़ी दर पीढ़ी यहां पूजा अर्चना का काम और प्रबंधन पुजारियों के परिवारों द्वारा ही देखा जाता रहा है. सेवायत गोस्वामी, सारस्वत ब्राह्मण और स्वामी हरिदास के वंशज इस मंदिर को चलाते रहे हैं. ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज के साथ ही उत्तर प्रदेश के तीन और गैर सरकारी संगठनों को गृह मंत्रालय से एफसीआरए लाइसेंस मिला है. संस्कृति और शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले अन्य तीन गैर सरकारी संगठनों में नेशनल यूथ फाउंडेशन, एसोसिएशन फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस और द गैलेक्सी एजुकेशनल एंड सोशल डेवलपमेंट चैरिटेबल ट्रस्ट शामिल हैं 

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली पुलिस ने की खास तैयारी; 6 लेयर की सिक्योरिटी, AI कैमरे, 15 हजार जवान, किले में तब्दील हुई दिल्ली

जानें क्यों जरूरी है FCRA लाइसेंस

जानकारी के मुताबिक मंदिर के पास वर्तमान में सोने-चांदी और अन्य किमती सामानों के साथ ही 480 करोड़ रुपए का फंड है. इसमें विदेशी फंड भी शामिल है. इस विदेश दान का उपयोग करने के लिए और आगे भी विदेशी दान प्राप्त करने के लिए मंदिर को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन की जरूरत थी. FCRA, 2010 के तहत गैर सरकारी संगठन और समूहों को विदेश से किसी भी तरह का फंड हासिल करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया था.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m