Dr. Manmohan Singh Memorial: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर चल रहा विवाद थमता नजर आ रहा है. केंद्र सरकार (Central government) ने स्मारक के लिए जगह तय कर लिया है. सरकार द्वारा तय की गई जगह में एक से डेढ़ एकड़ जमीन स्मारक के लिए दी जा सकती है, मेमोरियल के भूमि का आवंटन करने सरकार ने प्रकिया शुरू कर दी है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में बनाया जाएगा.

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मिली जानकारी के अनुसार शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने स्मारक के लिए राजघाट और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया है. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है.

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बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उनके परिवार को कुछ विकल्प दिए हैं. इन विकल्पों में राष्ट्रीय स्मृति स्थल समेत कुछ अन्य स्थानों का नाम शामिल है, जहां उनका स्मारक बनाए जाने की संभावना है. परिवार की ओर से स्मारक की जगह चुनने के बाद, ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. यह ट्रस्ट स्मारक निर्माण की योजना और उसके बाद की सभी गतिविधियों की देखरेख करेगा. परिवार की तरफ से अभी तक किसी खास जगह को लेकर फैसला नहीं लिया गया है.

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हालांकि इसके लिए पहले ट्रस्ट का गठन जरूरी है. नई नीति के अनुसार जमीन केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है. ट्रस्ट बनने के बाद ही स्मारक के निर्माण का काम शुरू किया जा सकता है. ट्रस्ट स्मारक की जमीन के लिए आवेदन करेगा और आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए नेहरु-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास जगह दिए जाने की संभावना जताई जा रही है. गौरतलब है कि यहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ था. इसके बाद उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार ने मांग की थी. डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार को स्मारक को लेकर चिट्ठी लिखी थी. पार्टी के नेताओं ने सरकार पर कुछ आरोप लगाए थे. कांग्रेस की मांग थी कि मनमोहन सिंह का अंतिम सरकार और स्मारक एक ही जगह पर हो. कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया था, “देश की जनता यह नहीं समझ पा रही है कि सरकार को उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए एक जगह क्यों नहीं मिल पा रही है.”

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26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में पूर्व पीएम ने ली अंतिम सांस

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को सांस लेने में हो रही समस्या के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया. भारत और दुनिया भर के नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया. 29 दिसंबर को मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में मनमोहन सिंह की अस्थियों को रखा गया और यहां शबद कीर्तन, पाठ और अरदास के बाद उनके ​परिजनों ने इसे यमुना में विसर्जित किया गया. केंद्र सरकार ने घोषणा कि है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बनाया जाएगा.

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