दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ने वाले जिलों के जिलाधीशों को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया है.
शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि इन जिलों के जिलाधीश धान की पराली को नियंत्रित करने में असफल रहे संबंधित नोडल अधिकारियों, पर्यवेक्षी अधिकारियों और थानों के SHO के खिलाफ मामले में क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकेंगे.
DM को मिले कार्रवाई के अधिकार
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों को हर साल जाड़े के मौसम में वायु प्रदूषण और धुंध की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसके प्रमुख कारणों में से एक है पड़ोसी राज्यों में धान की पराली का जलाना. CAQM ने इस साल के लिए अपने गाइडलाइंस में बदलाव करते हुए जिलाधीशों को पराली के उचित प्रबंधन में असफल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने अधिकार दिए हैं.
पराली जलाने के 454 माले आए सामने
15 सितंबर से 9 अक्टूबर 2024 के बीच, पंजाब में 267 और हरियाणा में 187 स्थानों पर धान की पराली जलाने की घटनाएं हुईं, मंत्रालय ने बताया. CAQM ने संबंधित जिला प्रशासनों और राज्य सरकारों को कटाई के मौसम में धान की पराली जलाने पर नियंत्रण करने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेने के लिए भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, निरंतर और सख्त और निरंतर निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, CAQM ने पंजाब और हरियाणा के हॉटस्पॉट जिलों में 26 केंद्रीय टीमों को तैनात किया है. चंडीगढ़ में एक “धान की पराली प्रबंधन सेल” भी बनाया गया है, जो क्षेत्र स्तर की कार्रवाइयों की समन्वय और निरंतर निगरानी करता है.
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