नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है. कोरोना के नए केस और संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े में लगातार गिरावट जारी है. राज्यों ने अपने-अपने यहां लागू पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी है, लेकिन कहीं यह ढील देश के लिए महंगी डील न बन जाए. इसी बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को हिदायत दी है.

केंद्र सरकार की राज्य सरकारों को हिदायत

केंद्र ने कहा कि लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोलने की प्रक्रिया में सतर्कता जरूरी है. अनलॉक की कवायद के दौरान कई जगहों पर बाजारों में भीड़ उमड़ने, सड़कों पर जाम जैसी स्थिति के बीच यह निर्देश जारी किया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को राज्यों औऱ केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में टेस्ट-ट्रैक और ट्रीट (testing, tracking treating ) के फॉर्मूले और कोविड वैक्सीनेशन (Vaccination) पर विशेष जोर देने को कहा गया है. साथ ही कोविड गाइडलाइन (Covid Guideline) का पालन सुनिश्चित कराने का भी उल्लेख है.

टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन फॉर्मूल

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वे लॉकडाउन में ढील देते समय टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन फॉर्मूले का विशेष ध्यान रखें. पत्र में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोरोना प्रोटोकॉल जैसे- मास्क पहनने, हाथ साफ करना, सामाजिक दूरी और बंद जगहों में वेंटिलेशन के ऊपर भी काम करने जैसे नियमों का सख्ती से पालन कराएं. पत्र में कहा गया कि कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील देने के साथ ही मंडियों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर भारी भीड़ देखी जा रही है. यहां कोरोना नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाईं जा रहीं हैं.

केंद्र ने राज्यों को आगाह करते हुए कहा कि भले ही कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं, लेकिन इसकी वजह से जांच दर में गिरावट नहीं आनी चाहिए. तीसरी लहर की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए सक्रिय मामलों में जरा सी बढ़त या फिर संक्रमण दर  बढ़ने जैसे शुरुआती संकेतों को लेकर सचेत रहें. अगर किसी छोटे इलाके में भी मामलों में वृद्धि होती नजर आ रही है, तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के आधार पर कदम उठाकर उसे स्थानीय स्तर पर ही सीमित किया जाए.

केंद्र ने कहा कि फिलहाल कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र सबसे बड़ा हथियार है. यह संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे ज्यादा मददगार है. इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों अपने यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कराएं ताकि ज्यादा से ज्यादा आबादी को सुरक्षित किया जा सके. राज्यों से कहा गया है कि वे प्रतिबंधों में ढील जरूर दें, लेकिन शर्तों के साथ और स्थिति पर पैनी नजर रखे ताकि कोरोना नियमों की जरा भी अनदेखी न हो सके.

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