नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Digital Personal Data Protection Bill) को संशोधन के साथ पेश किया है. इसमें पर्सनल डेटा के जुड़े नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए भारी भरकम जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी रखा गया है. 2019 के मसौदे में जुर्माना राशि 15 करोड़ रुपये या कंपनी के वैश्विक कारोबार के चार फीसदी में से जो भी ज्यादा हो, उसके बराबर थी. नए प्रस्तावित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill) का जो ड्राफ्ट शेयर किया है, उसमें एक महत्वपूर्ण बात और भी जोड़ी गई है, सभी जेंडर के लिए सभी जगह She या Her शब्द का इस्तेमाल किया गया है. अब तक He या His शब्दों का प्रचलन था.

अनॉथराइज्ड डेटा प्रोसेसिंग पर होगी कार्रवाई

संशोधित पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में बताया गया है कि जुर्माने की राशि प्रभावित यूजर्स की संख्या के आधार पर तय होगी. अगर कोई कंपनी जुर्माने के खिलाफ अपील करना चाहती है, तो वे कोर्ट में अपील कर सकती है. बिल के ड्राफ्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनियों को सरकार से मंजूर देशों में डेटा रखना होगा. बिल में एक अहम बात ये है कि इस कानून के बन जाने के बाद, कंपनियां चीन में डेटा नहीं रख सकेंगी. बिल के तहत, इसमें किसी व्यक्ति के पर्सनल डेटा उल्लंघन का मतलब अनॉथराइज्ड डेटा प्रोसेसिंग (unauthorized data processing) से होगा. यानी अगर कोई कंपनी अगर गैर-कानूनी ढंग से व्यक्ति के डेटा को एक्सेस करती है, तो कार्रवाई होगी. किसी व्यक्ति के पर्सनल डेटा के साथ छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाने पर भी कार्रवाई की जाएगी.

डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड का गठन

इसके अलावा अगर डेटा के जरिए व्यक्ति की प्राइवेसी से किसी तरह का समझौता होता है, तो भी सरकार एक्शन लेगी. बिल के मुताबिक, किसी कंपनी को व्यक्ति के निजी डेटा को देश के बाहर ट्रांसफर करने की इजाजत उन मामलों में है, जहां किसी कानूनी अधिकार या क्लेम लागू करने के लिए उसकी बेहद जरूरत है. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट के तहत, सरकार एक डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (data protection board) का गठन करेगी, जो बिल के प्रावधानों के मुताबिक काम करेगा.

इसे भी पढ़ें :