देहरादून. आरटीआई को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश के आमजन को सूचना का अधिकार (RTI) मिले हुए 20 वर्ष हो गये हैं. इन 20 वर्षों की यात्रा के दौरान इस अधिकार ने सुचिता और सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है, कई महत्वपूर्ण उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. आज योजनाबद्ध तरीके से केंद्र सरकार, भारत की संसद का सहारा लेकर इस कानून को धीरे-धीरे कमजोर कर रही है अर्थात आमजन के हाथ से एक बड़े अस्त्र को निष्प्रभावी करने की कुचेष्टा हो रही है.

रावत ने कहा कि यह कानून आमजन को उस कालखंड में मिला जिस कालखंड में देश का नेतृत्व डॉ मनमोहन सिंह के हाथों में था और उनकी सरकार को मार्गदर्शन देने वाले एक प्रभावी समूह जिसमें हमारे वामपंथी मित्र और राईट एक्टिविस्ट सम्मिलित हैं, सोनिया गांधी के नेतृत्व में सलाहकार मंडल निरंतर आर्थिक समृद्धि, सार्वजनिक जीवन में सुचिता, आमजन का कल्याण और आमजन को संवैधानिक अधिकार व कानून बनाकर सुसज्जित किया जा रहा था. सुचिता और आर्थिक समानता लाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे थे.

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इसी कालखंड में देश के आमजन को शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में स्वास्थ का अधिकार, मनरेगा के रूप में काम का अधिकार भी मिला, किसानों को उनको अधिकृत की जाने वाली भूमि के चार गुना मुआवजे के रूप में भूमि मुआवजा अधिकार मिला. जंगलों और जंगलों के निकट रहने वाले लोगों को वनाधिकार का अधिकार मिला, हर हाथ में मोबाईल के रूप में सस्ती कॉल दरों आधारित संवाद का अधिकार मिला, इसी कालखंड में कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित भारी वेतन वृद्धि मिली, किसानों की उपज में दी जाने वाली MSP में भारी वृद्धि की गई. यह जनोन्मुखी अधिकारों का कालखंड था.

रावत ने कहा कि मुझे इस बात का गहरा दुख है कि मेरी एक नादानी से मैं इस कालखंड में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार का हिस्सा नहीं बन पाया. मगर देश को बहुत कुछ प्राप्त हुआ. आज अन्न सुरक्षा के अधिकार को मुफ्त के राशन के दान में अन्न सुरक्षा के अधिकार को भुला दिया गया है, पहले वह अधिकार था 2 देकर गेहूं और मन माने चावल मिल जाते थे. आज आप किसी की कृपा पर आधारित हैं. खैर प्रश्न सूचना के अधिकार की हो रही है, इस अधिकार को निष्प्रभावी करने की कूचेष्ठा हो रही है, इस कुचेष्ठा के खिलाफ एक सशक्त आवाज उठनी चाहिए. मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बधाई देता हूं कि उन्होंने यह आवाज कांग्रेस के प्लेटफार्म से उठाई है.