चंडीगढ़। पंजाब सरकार की 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना को केंद्र सरकार ने झटका दे दिया है. बिजली चोरी रोकने का कारण बताते हुए केंद्र सरकार ने राज्य को 85 हजार प्रीपेड मीटर लगाने की हिदायत दी है. केंद्र ने सख्ती बरतते हुए पंजाब की आप सरकार को चेतावनी दी है कि यदि तय समय में प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाते हैं, तो केंद्र सरकार बिजली सुधार फंड की राशि पर रोक लगा देगा. आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में पंजाब के लोगों से हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था. इसके लिए सरकार की ओर से 10 मार्च को भारत सरकार को पत्र लिखा गया था, जिसमें सरकार की ओर से रुके हुए बिजली भुगतान और राहत देने की बात कही गई थी.
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प्रीपेड मीटर को लेकर केंद्र का सख्त रुख
पंजाब सरकार के पत्र के बाद अब केंद्र ने प्रीपेड मीटर को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इसके कारण आम आदमी पार्टी की हर घर को 300 यूनिट बिजली देने की योजना को झटका लगा है. केंद्र ने प्रीपेड मीटरों को लगाए जाने के पीछे के कारण को बिजली चोरी रोकना बताया है. केंद्र की इस चेतावनी के बाद पंजाब सरकार के सामने संकट की स्थिति हो गई है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि यहां किसानों को मुफ्त में बिजली दी जाती है, साथ ही प्रीपेड मीटर की योजना के तहत लोगों को बिजली के लिए मीटर को मोबाइल की तरह रिचार्ज करवाना जरूरी होगा. ऐसे में सरकार की 300 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना पर अभी फिलहाल संकट के हालात बन गए हैं.
पंजाब में लगभग 70 लाख बिजली उपभोक्ता
सरकार की 300 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना से सरकारी खजाने पर 9000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. पंजाब में लगभग 70 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से करीब 18 लाख अनुसूचित जाति और गरीब परिवारों को पंजाब सरकार पहले ही 200 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही थी. इसके लिए सरकार ने 2021-22 के बजट में 10600 करोड़ रुपये रखे हुए थे. केंद्र के इस फैसले के बाद बने हालात को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. सरकार लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे पर कायम है.
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