चंडीगढ़। पंजाब में गर्मी के कारण सिकुड़े गेहूं किसानों की एक बड़ी समस्या थे. इसे लेकर भगवंत मान सरकार ने भी केंद्र सरकार से बात की थी. अब राज्य के गेहूं किसानों को केंद्र सरकार से जल्द बड़ी राहत मिल सकती है. केंद्रीय एजेंसियों ने गर्मी की मार से 6 फीसदी से अधिक सिकुड़े गेहूं की खरीदी करने की तैयारी कर ली है. जांच के लिए आई केंद्रीय टीमों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जल्द ही केंद्र सरकार इसे लेकर आदेश जारी कर सकती है.

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अप्रैल में ही 44 डिग्री पहुंचा तापमान

पंजाब की मंडियों में जहां गेहूं की आवक और खरीद में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है, वहीं राज्य में इस बार भीषण गर्मी किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. आमतौर पर अप्रैल में दिन का तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन इस साल तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. इसके चलते गेहूं का दाना सिकुड़ने लगा है और मौसम का ये हाल लगभग पूरे देश में है.

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5 केंद्रीय टीमें जांच के लिए आई थीं पंजाब

किसानों ने ये मामला पंजाब सरकार के सामने उठाया और प्रदेश सरकार ने भी केंद्र को इस संबंध में जानकारी दी. इसके बाद केंद्र ने पंजाब में 5 टीमें जांच के लिए भेजी थी. केंद्रीय टीम के सदस्यों ने पंजाब में तीन दिन रुककर जांच की और उसकी एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दी है. अब जल्द ही केंद्र 6 प्रतिशत से अधिक सिकुड़े गेहूं की खरीद के आदेश जारी करेगी. हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद के लिए केंद्र सरकार ने कुछ शर्तें तय की हैं. इनके अनुसार फसल में नमी की मात्रा, धूल के कण अलावा दानों का फैलाव और सिकुड़न का भी आकलन किया जाता है. एमएसपी पर खरीद के लिए गेहूं के दानों की 6 प्रतिशत तक सिकुड़न स्वीकार्य है, लेकिन इस बार दानों की सिकुड़न 20-25 फीसदी तक पहुंच गई है. इसके साथ ही पैदावार पर भी इसका बुरा असर पड़ा है और फसल 10-25 फीसदी तक कम हुई है.

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बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बिक्रमजीत सिंह चीमा ने सीएम भगवंत मान से की मांग

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बिक्रमजीत सिंह चीमा ने इस बार मार्च में गर्म मौसम के चलते किसानों की गेहूं की फसल की कम पैदावार और गेहूं के दाने पहले से छोटे होने के चलते किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से तत्काल किसानों को मुआवजा देने की मांग की है. चीमा ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मार्च में असामान्य रूप से बढ़े तापमान के कारण प्रति एकड़ गेहूं की उपज कम से कम 8-10 क्विंटल कम हो गई. यह राज्य के किसानों के लिए बहुत बड़ी आर्थिक क्षति है. किसानों को प्रति एकड़ 10 से 12 हजार का नुकसान हुआ है.

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