• प्रदेश के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान जुलाई से मिलेगा
  • योग आयोग के गठन को मिली कैबिनेट की मंजूरी
  • जीएसटी बिल का हुआ अनुमोदन

रायपुर। लगता है अब छत्तीसगढ़ में भी भ्रष्ट अधिकारियों के दिन फिर जाएंगे। रमन कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने कहा है कि केंद्रीय अधिकारियों की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और कर्मचारियों  के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। हर छह महीने में एक बार कामकाज की समीक्षा होगी। 20 साल की सेवा या 50 साल उम्र पूरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज का ब्यौरा खंगाला जाएगा। सरकार ने साफ संकेत दिया है कि सीआऱ खराब हुई मतलब नौकरी से छुट्टी होगी।

मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह की अध्यक्षता में आज सीएम हाउस में हुई कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि राजपत्रित अधिकारियों की समीक्षा के लिए बनाई जाने वाली छानबीन समिति के अध्यक्ष सचिव स्तरीय अधिकारी होंगे। अराजपत्रित अधिकारियों की छानबीन समिति के अध्यक्ष एचओडी स्तर के अधिकारी होंगे और एचओडी यानी डायरेक्टरेट का जिम्मा संभालने वाले अधिकारियों के सर्विस की समीक्षा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली छानबीन समिति करेगी। सरकार के इस निर्णय़ के बाद प्रदेश के प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा है। सरकार से जुड़ी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में सुशासन लाने की दिशा में ये पहल की जा रही है। सरकार के इस पहल से छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य होगा, जहां सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य़काल की समीक्षा करेगी। शिकायत गंभीर मिली तो कड़ी कार्रवाई भी मुमकिन है।

सातवें वेतनमान की मिली सौगात

प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को जुलाई से सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। रमन कैबिनेट की बैठक में आज इस पर मुहर लग गई। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान दिए जाने का ऐलान किया था। उस वक़्त ये तय नही था कि इसका लाभ कर्मचारियों को कब से दिया जाएगा।  नया वेतनमान जनवरी 2016 से दिया जाएगा. हालांकि फिलहाल यह तय नहीं है कि एरियर्स का भुगतान कैसे किया जाएगा?  इसका फैसला बाद में किया जाएगा।  सातवां वेतनमान लागू होने से न्यूनतम वेतन बढ़कर 6050 रुपये की जगह 15600 रुपये हो जाएगा।  मकान भत्तों समेत अन्य भत्तों पर फैसला बाद में लिया जाएगा। नए वेतनमान से राज्य के खज़ाने पर करीब 3500 करोड़ का खर्च आएगा।

योग आयोग के गठन को मंजूरी

रमन कैबिनेट ने योग आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी है। इसके गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहां सरकार ने योग के प्रचार प्रसार के लिए आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने चंद महीने पहले इसका ऐलान किया था। आयोग के गठन के बाद अब योग के क्षेत्र में राज्य में नवाचार किया जा सकेगा। योग के प्रचार-प्रसार की दिशा में आयोग मील का पत्थर साबित होगा।

इधर कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेतेे हुए प्रचलित महुआ नीति वापस ले ली है।  राज्य सरकार  21 साल पुराने एक कानून को फिर से लागू करते हुये पांच किलो से अधिक महुआ रखने पर लायसेंस लेने का प्रावधान किया गया है।  बिना अनुमति के पांच किलो से अधिक महुआ की खरीद-बिक्री और उसके परिवहन करने वाले के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। रमन कैबिनेट ने 28 अप्रैल को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश होने वाले जीएसटी बिल का अनुमोदन भी किया है।