रायपुर। विधानसभा में नौवें दिन की कार्यवाही के दौरान CGMSC के द्वारा रिएजेंट खरीदी का मामला गूंजा. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और अजय चंद्राकर के बीच हॉट-टॉक हुआ.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने रिएजेंट खरीदी की मांग पत्र से लेकर राशि और सप्लाई के दिनों का मामला उठाया. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 453 करोड़ रुपए की रिएजेंट की खरीदी की जानकारी दी. इस सवाल के जवाब में प्रश्नकर्ता अजय चंद्राकर को 792 और 495 पन्नों की जानकारी उपलब्ध कराई गई. मोक्षित कॉर्पोरेशन से हुए खरीदी के बदले 338 करोड़ रुपए का भुगतान रोका गया.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि मोक्षित कॉर्पोरेशन से खरीदी में तीन प्रकार की अनियमितता पाई गई. दस गुना ज्यादा दर पर आपूर्ति की गई, 700 मशीन आज तक चालू नहीं हुई है, और क्लोज की जगह ओपन मशीन की आपूर्ति की गई. श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, मांग और बजट से अधिक राशि की खरीदी की गई. मोक्षित कॉर्पोरेशन से 385 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. विभागीय जांच करने वाले अधिकारी भी गड़बड़ी में मिले थे.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि विभागीय जांच रिपोर्ट में विभागीय अधिकारी ही दोषी पाए गए. विभाग के 02 बड़े अधिकारी सहित कुल 15 अधिकारियों की मिलीभगत पाई है. मोक्षित कॉर्पोरेशन सहित अधिकारियों के नाम EOW को भेजा गया है. खरीदी दर को आठ-दस गुना बढ़ा कर खरीदी की गई. सप्लायर को EOW ने जेल में डाला है. विभाग ने सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए NOC जारी किया है.