रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी अभी से मिशन 2023 के लिए जुट गई है. छत्तीसगढ़ बीजेपी इन दिनों तेजी से बैठकें कर रही है. मिशन 2023 को लेकर प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी लगातार दौरा कर रही हैं. इन सबके बीच छत्तीसगढ़ बीजेपी में ‘CM’ के चेहरे को लेकर आइना साफ होता नहीं दिख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि डी पुरंदेश्वरी कहती हैं कि बीजेपी 2023 में विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी, पूर्व सीएम रमन सिंह कहते हैं कि ‘CM’ के बहुत से चेहरे हैं, जिसमें एक छोटा सा चेहरा मेरा भी है, लेकिन चेहरा सियासी आइने में साफ होता नहीं दिख रहा है. इन सबके बीच ‘CM’ के चहरे पर अब फिर से आदिवासी नेतृत्व की हवा चलने लगी है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ बीजेपी में सीएम के चेहरे पर मंथन जारी है. इस बीच बीजेपी के भीतर एक बार फिर आदिवासी नेतृत्व की हवा चल पड़ी है. दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने इशारों-इशारों में कह दिया है कि अब छत्तीसगढ़ बीजेपी में आदिवासी नेतृत्व की जरूरत है. साय ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर पार्टी को विचार करना चाहिए. यह एक दिशा है, जो पार्टी पीछे चली गई है, उसे ऊपर उठाने के लिए नेतृत्व को विचार करना चाहिए. नंदकुमार साय ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो हम पार्टी को ऊपर उठा सकते हैं.
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इसके पहले पत्रकारों ने डी पुरंदेश्वरी से छत्तीसगढ़ में बीजेपी किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी सवाल किया था ?. इस सवाल के जवाब में डी पुरंदेश्वरी ने कहा कि हम राज्य में अगले चुनाव में विकास के मुद्दे पर जाएंगे. सरकार बनने पर पार्टी चेहरा तय करेगी. इसके बाद से कई चेहरों की मुस्कान फीकी पड़ गई थी, साथ कई चेहरे खिल उठे थे. वो इसलिए की पार्टी के लिए जो बेहतर करेगा, उसके नाम पर पार्टी मुहर लगा सकती है.
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वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने ‘CM’ के चहेरे के सवाल पर कहा था कि छत्तीसगढ़ बीजेपी में कई चेहरे हैं, जिसमें से एक छोटा सा चेहरा मेरा भी है. अभी फिलहाल सरकार के ख़िलाफ़ आक्रामक आंदोलन तेज होंगे. साथ ही सैकड़ों मुद्दों को लेकर सड़क पर बीजेपी उतरेगी. इसके आलावा राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा था कि बीजेपी है सबसे बड़ा चेहरा. कमल छाप होगा चेहरा. बीजेपी कई बड़े दिग्गज ‘CM’ के चेहरे को लेकर धुंधला सा जवाब देते नजर आ रहे हैं, लेकिन सियासी आइने में ‘CM’ का चेहरा साफ होता नहीं दिख रहा है.
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दो ओबीसी, एक आदिवासी और एक एससी चेहरे के साथ हुई प्रेस कांफ़्रेस
बता दें कि 18 जुलाई को प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डी पुरंदेश्वरी के साथ पार्टी के आदिवासी चेहरे और प्रदेश अध्यक्ष, दो ओबीसी चेहरे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और अनुसूचित जाति वर्ग से संगठन के सबसे बड़े चेहरे पून्नुलाल मोहिले मौजूद थे. यह पहला मौक़ा था जब बीजेपी ने बड़े वोट बैंक वाले वर्ग का संगठन में प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरों को एक साथ लेकर कॉन्फ्रेंस की हो.
चेहरा नहीं, विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी
बता दें कि छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं. पार्टी अभी तक उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ती आई है. पिछले बार भी उन्हीं की पोस्टर के जरिए चुनाव लड़ा गया, लेकिन पार्टी को करारी हार मिली. ऐसे में क्या बीजेपी रमन सिंह को दोबारा सीएम का उम्मीदवार बनाएगी. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने इस पर बयान देकर सभी को चौंका दिया है. बीजेपी किसी के चेहरे पर नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी. साथ ही कई नेताओं के अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जो चौंका रहे हैं. साथ ही सियासी आइना भी धुंधला है.
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