रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक नक्सल फंडिंग मामले में 29.75 लाख की संपत्ति कुर्क करने के लिए एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया है. कुर्क की गई संपत्ति छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित एक अचल संपत्ति (कृषि भूमि) के रूप में अश्विनी वर्मा और उनके छोटे भाई तमेश वर्मा के नाम पर है.

ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और 30.10.2018 की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 13, 21, 38 और 39 के तहत अश्विनी वर्मा और अन्य के खिलाफ प्रतिबंधित सहायता के मामले में जांच शुरू की.

पीएमएलए के तहत की गई जांच से पता चला है कि अश्विनी वर्मा ने नक्सलियों से विमुद्रीकृत मुद्रा के रूप में धन प्राप्त किया था.  इन पैसों से विभिन्न व्यक्तियों / स्थानीय किसानों को अनाज और कृषि उत्पादों की खरीद के लिए दिया था. विमुद्रीकरण के दौरान अश्विनी वर्मा को पैसे मिले थे.

इसके बाद इन पैसों का उपयोग अनाज खरीदने के लिए किया गया था. कृषि उत्पादों का भुगतान किसानों को किया गया था. बाद में इस प्रकार खरीदे गए अनाज या कृषि उत्पादों को बेचा गया.  इसके अलावा उन्होंने 29,75,000 रुपये  एक कृषि भूमि की खरीद में रुपये के लिए निवेश किया था.  अब प्रवर्तन निदेशालय ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है.

 

 

Read more : India Has the Second Highest Crypto Users Globally