रायपुर। दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में बीते दिनों मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों की आंख में संक्रमण फैलने के मामले में साय सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। लापरवाही बरतने वाले जूनियर साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले प्रारंभिक जांच में लापरवाही पाए जाने पर बीते रविवार को नेत्र सर्जन समेत दो सहायक स्टाफ को निलंबित किया गया था।

देखिए निलंबन आदेश

कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दंतेवाड़ा द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि 22 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय दन्तेवाड़ा में मोतियाबिंद मरीजो का नेत्र ऑपरेशन मामले में अभिषेक मण्डल (जूनियर साइंटिस्ट) डी.एम.एफ. संविदा प्रभारी अस्पताल प्रबंधक को अस्पताल प्रबंधन कार्य में लापरवाही और माइकोबायोलॉजिस्ट (डी.एम.एफ. संविदा) उमाकांत तिवारी को ओ.टी.कार्य में लापरवाही के लिये दोषी पाया गया है। इनका कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरित होने की वजह से परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

जानिए क्या है पूरा मामला

मंगलवार 22 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था, इसके दूसरे दिन इनमें से 10 ग्रामीणों ने आँखों में जलन खुजली और दिखाई न देने की जानकारी दी। तब एक मरीज को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज और 9 को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री जायसवाल ने डॉक्टर्स की टीम को सभी का सही से इलाज किये जाने का निर्देश दिया है।

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