बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में उनके खिलाफ मुंगेली के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने लोअर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, अपील खारिज होने के बाद ऋचा जोगी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

वहीं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से जोगी परिवार की बहू ऋचा जोगी को अग्रिम जमानत देने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, पहले मेरे स्वर्गीय पिताजी और फिर मेरे और मेरी पत्नी ऋचा जोगी को प्रताड़ित करने के लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, क्योंकि उन्हें मालूम है कि छत्तीसगढ़ में दोनों को अगर कोई बेनकाब कर सकता है तो वह केवल और केवल जोगी है.

आगे उन्होंने कहा, उनका बस चलता तो हम सबको कब से सूली पर लटका दिया होता, किंतु छत्तीसगढ़ के लोगों का प्यार और बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा रखी मजबूत संवैधानिक और न्यायपालिका की व्यवस्था ने हमेशा सूर्य कवच बनकर जोगी परिवार की रक्षा की है और आगे भी करता रहेगा.

वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता भगवानू नायक ने ऋचा जोगी को जाति मामले में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिलने पर कहा, सत्य परेशान हो सकता है किंतु पराजित नहीं. न्यायपालिका ने हमेशा से जोगी परिवार के साथ न्याय किया. ऋचा जोगी को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास और भी अधिक बढ़ गया.

बता दें कि, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने ऋचा जोगी की ओर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश करने की शिकायत मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में की थी. इसमें कहा गया था कि, राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनकी आदिवासी जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताया है और इस मामले में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं. इसी आधार पर पुलिस ने 16 नवंबर 2022 को सामाजिक परिस्थिति कारण प्रभावीकरण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत ऋचा जोगी के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था.

वहीं ऋचा जोगी ने अपने खिलाफ दर्ज इसी मामले को चुनौती देते हुए मुंगेली के जिला एवं सत्र न्यायालय में 23 नवंबर 2022 को अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीएस मरकाम ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. इसमें उन्होंने शासन की ओर से दर्ज एफआईआर को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि, नियमों के खिलाफ उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है और उनके आदिवासी होने के मूल दस्तावेजों को दरकिनार कर दिया गया है. याचिका में गिरफ्तारी से राहत देने अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया गया था. मामले की प्रारंभिक सुनवाई में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने राज्य शासन को प्रकरण की केस डायरी पेश करने कहा था. शुक्रवार को केस डायरी पेश होने के बाद हाईकोर्ट ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है.