बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से 30 करोड़ का फ्रॉड करने वाले शराब कारोबारी सुभाष शर्मा को जमानत मिल गई है. फर्जी कंपनियों के नाम पर करोड़ों का लोन ले रहा था, जिसके बाद भेष बदलकर विदेश भागते समय एयरपोर्ट पर ED ने गिरफ्तार किया था.

हाईकोर्ट की जज रजनी दुबे की कोर्ट ने जमानत दी है. सुभाष शर्मा 19 मार्च 2022 से रायपुर जेल में बंद है. सुभाष शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हुआ था, जिसके बाद ED की टीम ने 4 मार्च को भेष बदलकर विदेश भागते वक्त दिल्ली एयरपोर्ट से धर दबोचा था. जमानत के बाद दोबारा विदेश भागने की आशंका जताई जा रही है.

दरअसल, सुभाष शर्मा ने बैंक से 2009 से दिसंबर 2014 के बीच अपने नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए कर्ज लिया था. इस कर्ज की रकम को शेल कंपनियों में निवेश किया.

सुभाष शर्मा की ज्यादातर कंपनियों में कोई कारोबारी गतिविधि नहीं चल रही थी. इन कंपनियों का गठन सिर्फ बैंक से कर्ज लेने के लिए किया गया था. सुभाष शर्मा को इस फर्जीवाड़े के जरिए 54 करोड़ रुपए मिले थे.

मामले का खुलासा होने के बाद लगातार जांच जारी थी. इसके बाद ईडी ने सुभाष शर्मा की 39.68 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था. सुभाष शर्मा आदेश के बाद से फरार था, जिसे दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया.

पुलिस ने भी किया था मामला दर्ज
बता दें कि सुभाष शर्मा के खिलाफ रायपुर के गोल बाजार और सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज किया गया था. 2015 में विक्रम राणा नाम के शख्स ने गोल बाजार थाने में शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी. उनके मुताबिक सुभाष शर्मा ने राणा की जमीन गिरवी रखकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 16.50 करोड़ का कर्ज लिया था. किश्त नहीं चुकाने पर राणा को बैंक ने नोटिस भेजा है. इसके बाद इस धोखाधड़ी का पता चला.

सुभाष शर्मा ने होटल सफायर इन, गुडलक पेट्रोलियम कंपनी और मेसर्स विदित ट्रेडिंग कंपनी के लिए 38.50 करोड़ का कर्ज लिया था. यह राशि एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक रायपुर से ली गई थी. उनकी किश्तों का भुगतान नहीं किया गया. उसके बाद बैंकों ने इस खाते को धोखाधड़ी घोषित कर दिया.

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