CG Breaking News : सुप्रिया पांडेय, रायपुर. छत्तीसगढ़ में रविवार सुबह एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम सक्रीय हो गई है. आबकारी और डीएमएफ मामले से जुड़े लगभग 18 ठिकानों पर दबिश दी गई है. रायपुर के रामा ग्रीन कॉलोनी में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास के ठिकाने पर दबिश दी गई है. मौके पर अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. साथ ही अमलीडीह स्थित ला विस्टा कॉलोनी में कारोबारी हरपाल अरोरा के घर छापेमारी की गई है. वहीं बिलासपुर में अशोक टूटेजा के ठिकानों पर छापे की खबर है.

रामा ग्रीन कॉलोनी में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास के ठिकाने पर दबिश

इसके अलावा अंबिकापुर, कोंडागांव समेत विभिन्न जिलों में छापा पड़ा है. एसीबी-ईओडब्ल्यू टीम के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं.

क्या है शराब घोटाला ?

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 से 2023 तक शराब नीति को बदलकर चहेते सप्लायरों के माध्यम से शराब घोटाला हुआ. इसमें लाइसेंस की शर्तें ऐसी रखी गई कि चहेती कम्पनियों को काम मिल सके. उन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनवाई. यह काम नोएडा की एक कंपनी ने किया. इसके बाद नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई गई. चूंकि नकली होलोग्राम था तो बिक्री की जानकारी शासन को नहीं हो पाती थी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही. इस तरह से शासन को 2165 करोड़ रुपए के टैक्स का चूना लगाया गया. यह रकम कांग्रेस भवन बनवाने से लेकर नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों तक बटे.

शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है.