रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही जारी है. इसी कड़ी में मंत्री रविंद्र चौबे के विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है. मंत्री चौबे ने कहा कि हमारे देश की आत्मा गांवों में बसती है और गांव का मतलब कि किसान होता है. प्रतिपक्ष के सुझावों पर यथासंभव विचार किया जाएगा.
विपक्ष को तकलीफ की किस बात की है, जब किसानों के मामले में अगर विपक्ष को तकलीफ है तो यह अच्छी बात है. कम से कम विपक्ष ने अपनी तकलीफ इस सदन में मानी तो, लेकिन क्या कभी भाजपा अपनी केंद्र सरकार से इन तकलीफों के बारे में बात करते हैं क्या.
गोधन न्याय योजना पर विपक्ष ने कहा था कि एक साल से गोबर खरीदी बंद है. जबकि हरेली से इसकी शुरुआत हुई है, जिसको 1 साल ही हुआ है. आज विपक्ष ने जितनी बातें कहीं उसमे इनका फ्रस्टेशन झलक रहा था. आज पक्ष विपक्ष की तरफ से अच्छे सुझाव आए हैं.
मंत्री ने कहा कि हम लोग सब के सुझाव के साथ कार्ययोजना बनाकर काम कर रहे हैं. बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, दुर्ग, मुंगेली, भाटपारा में हॉर्टिकल्चर सेक्टर के लिए कार्य योजना बनाकर रखी है. कुरूद धमतरी में डेयरी (मिल्क रुट) के लिए पहल करेंगे.
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि प्रदेश की हर मंडी में किसान सदन बनाना चाहिए. सदन के सदस्यों के सुझाव पर हम प्रस्ताव तैयार करेंगे. कोरोना से हम प्रभावित रहे. सारी गतिविधियां ठप रही, लेकिन प्रदेश में कृषि की गतिविधि संचालित होती रही.
छत्तीसगढ़ में कोरोना का असर देखने को नहीं मिला, जिसका सबसे बड़ा कारण है. कृषि क्षेत्र की व्यवस्था रही. कृषि का बजट पिछले वर्ष की तुलना में 4.1% बढ़े हैं. मछली पालन में भी बजट बढ़ाया गया है. इस बार राजीव गांधी किसान योजना ₹9000 प्रति एकड़ दिया जाएगा.
सपोर्ट प्राइस के बढ़ने के साथ ही यह राशि भी बढ़ेगी. आगामी साल में 2800 रू तक में किसान अपनी धान भी बेच सकेंगे. राजीव गांधी किसान योजना के तहत इस वर्ष 6000 करोड़ का बजट प्रावधान है.
चर्चा का केंद्र बिंदु गौठान और गोधन न्याय योजना ही रहा है. आगामी समय में यह महत्वपूर्ण योजना साबित होगी. उत्तर प्रदेश से टीम गोधन न्याय योजना देखने और गौठान देखने आ रही है. भारत का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय प्रदेश का इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय है.