रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के बीच बीजेपी विधायकों (CG BUDGET SESSION 2023) ने सत्तापक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अभिभाषण में शब्दों के फ्रॉड का आरोप लगाया है. इसी कड़ी में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ है, राज्यपाल में जो विधानसभा में भाषण पढ़ते हैं, तो वह अलग हो और सदस्यों को बांटा जाए वह अलग हो. प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख हैं. विधानसभा के प्रमुख हैं, उनके बिना दस्तखत के नियम कानून लागू नहीं होता. सदन के बाहर होता तो 420 होता और सरकार ने 420 की है.
अग्रवाल ने कहा कि राज्यपाल ने अपने जिस भाषण की अनुमति नहीं दी, उस भाषण को बंटवा दिया. अंग्रेजी में अलग लिखा है और हिंदी में बांटा गया वहां अलग है. राज्यपाल के साथ फ्रॉड कर सकती है. ऐसी सरकार तो 1 मिनट भी नहीं रहनी चाहिए.
वहीं अग्रवाल ने कहा कि सिंचाई के लिए लगभग सिंचाई विभाग 75% खाली हो चुका है. वहां अधिकारी नहीं हैं, उनकी भर्ती नहीं हो रही है. बिना सिंचाई खेती नहीं हो सकती है. सरकार किसानों की बात करती है. विभाग में अधिकारी होने के बाद में 27 लोगों को संविदा नियुक्ति देकर उनको बड़े पदों पर बैठाया गया है.
अग्रवाल ने कहा कि जब मंत्री से पूछा जो सविंदा नियुक्ति के लोग हैं, उनको वित्तीय अधिकार और प्रशासनिक अधिकार दिए जा सकते हैं. वह नहीं दिए जा सकते हैं, भ्रष्टाचार है. ऐसे अधिकार देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बंसोड़ लोगों को बांस नहीं मिलने पर कहा कि करीब प्रजाति बंसोड़ लोग रहते हैं और बंसोड़ 1500 मिलनी चाहिए, जिससे पर्रा, टोकरी बनाएं. सरकार छत्तीसगढ़ की बात करती है, लेकिन बंसोड़ समाज को पिछले 4 साल में एक बार भी 1500 बांस नहीं मिले. मंत्री इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी के अधिवेशन में लगाने के लिए बांस मिल जाते हैं और गरीब लोगों को उपलब्ध नहीं हो पाते ,मंत्री जवाब नहीं दे पाते.
बृजमोहन अग्रवाल ने शराबबंदी पर कहा कि साढ़े 4 साल तक शराबबंदी नहीं कर पाए तो अब नाटक क्यों कर रहे हैं. साढ़े 4 साल तक टीम क्यों नहीं पहुंची विभिन्न राज्यों में. आज शराबबंदी की कमियां गिना रहे हैं. भाजपा ने नहीं कहा कि शराबबंदी करेगी, घोषणा पत्र में वादा किया तो वादा पूरा करें.
वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि अभिभाषण में फ्रॉड नहीं सुपर फ्रॉड हुआ है. राज्यपाल ने जो भाषण प्रस्तुत किया, सदन में जो पढ़ा गया और जो वितरित हुआ दोनों में अंतर है. देश के किसी विधानसभा में या लोकसभा , राज्यसभा में कभी इस प्रकार से गंभीर त्रुटि नहीं होती और इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.
चंदेल ने कहा कि अध्यक्ष ने हमारे विशेषाधिकार के नोटिस को विचार के लिए रखा है. उन्होंने कहा है इस संदर्भ में जानकारी लूंगा. जब तक अध्यक्ष की व्यवस्था आती है, इंतजार करेंगे. उम्मीद है सदन उठने से पहले कोई न कोई व्यवस्था इस संदर्भ में आसंदी से आनी चाहिए.
वहीं चंदेल ने शराब बंदी पर कहा कि मुख्यमंत्री से सवाल पहले करिए वादा उनका है,
जब हमारी घोषणा पत्र बनेगी, उस समय हम उसकी चर्चा करेंगे. कोई विपक्ष का व्यक्ति उनके कमिटी में नहीं है. सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. कितने राज्यों का दौरा किया है, कोई भी कमेटी बनती है तो एक निश्चित समय में रिपोर्ट प्रस्तुत करना होता है. आज तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं हुई है. समिति बनाना, समिति का अध्ययन करना, दूसरे राज्यों में जाना ,कुल मिलाकर सरकार की कथनी और करनी में अंतर है.
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