सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। 6 वर्ष की मासूम से अनाचार के मामले में अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास के साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जिला एवं सत्र न्यायालय में अपर एवं सत्र तथा पोक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद सजा सुनाई है. इसके साथ ही कलेक्टर को पीड़ित बच्ची को 18 वर्ष की होने तक अच्छे शैक्षणिक संस्थान में शिक्षा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

मामला शंकरगढ़ थाना क्षेत्र का है, जहां 15 सितंबर 2020 को छह वर्षीय मासूम बच्ची के मोहल्ले के बच्चों के साथ खेलने के बाद देर शाम तक घर वापस नहीं आने पर तलाश शुरू की गई. इस पर बच्ची के पास के मक्के के खेत पर होने की जानकारी मिली. जिस समय लोग पहुंचे उस समय एक ओर जहां बच्ची जमीन पर गिरी हुई रो रही थी, वहीं दूसरी ओर खेत से गांव का 48 वर्षीय कुंवर नगेशिया भाग रहा था.

मामले पर परिजनों ने गांव वालों की मदद से गांव में बैठक की, जिसमें कुंवर नगेशिया शामिल नहीं हुआ. इसके बाद परिजनों ने शंकरगढ़ थाने में शिकाय की. पुलिस ने 376 क, ख और बाल संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया था. प्रकरण की सुनवाई करते हुए पास्को एक्ट की विशेष न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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लोक अभियोजक बीपिन बिहारी सिंह ने बताया कि इसके साथ ही महिला न्यायाधीश ने पीड़ित बच्ची के शारीरिक, मानसिक हानि और पुनर्वास के लिए 10 लाख रुपए प्रतिकार प्रदान करने की अनुशंसा की है, इसके अलावा पीड़ित बच्ची को 18 वर्ष की आयु होने तक किसी अच्छे शैक्षणिक संस्थान में शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करने कलेक्टर को निर्देश भी दिया है.

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