नितिन नामदेव, रायपुर। राजधानी रायपुर में लाखों रुपये की ठगी (Cheating of lakhs of rupees) करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी (job hoaxes) करता था. ठगी करने वाला आरोपी कोई और नहीं बल्कि निलंबित पुलिस कर्मी संजीव मिश्रा है. यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है.

पुलिस अधिकारी बताकर आरोपी ने ऐसे लिया झांसे में

जानकारी के अनुसार, सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत रूबी ब्यूटी पार्लर में संजीव मिश्रा नामक व्यक्ति आता-जाता रहता था. उसने संचालिका से खुद को पुलिस विभाग में बड़े अधिकारी पद में होना बताया था. इसी दौरान छत्तीसगढ़ शासन के पुलिस विभाग और वन विभाग में भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था, जिसमें उसने प्रार्थिया को कहा कि पुलिस विभाग और वन विभाग में किसी की भर्ती कराना है तो मैं भर्ती करा दूंगा. इसके लिए परिचितों से कुछ रकम एडवांस ले लेना और बाकी रकम काम होने के बाद ले लेने को कहा.

नौकरी लगाने के नाम पर ऐंठा 16 लाख रुपये

प्रार्थिया ने उसकी बातों पर विश्वासकर अपने परिचित कमलेश चंद्र से 10 लाख रुपए, सागर ठाकुर से 03 लाख रुपए और विपिन सिंह से 03 लाख रुपए लेकर कुल 16 लाख रुपए संजीव मिश्रा को दिया. पैसे लेने के बाद संजीव ने प्रार्थिया और उसके परिचितों को विश्वास दिलाया कि निकाले गए भर्तियों में भर्ती हो जाएगी, लेकिन भर्ती का परिणाम आने के बाद भी उन लोगों का चयन नहीं हुआ. इसके बाद प्रार्थिया ने संजीव मिश्रा से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया, लेकिन उसका फोन बंद आने लगा और कुछ दिनों बाद जब संपर्क हुआ तो भर्ती के संबंध में पूछे जाने पर गोल-मोल जवाब देने लगा.

पुलिस ने दर्ज किया 420 का मामला

इस पर प्रार्थिया ने संजीव मिश्रा से दिए गए 16 लाख रुपए वापस मांगा तो उसने कहा मैं पैसे वापस नहीं करूंगा जो करना है कर लो, मेरे खिलाफ जो कर सकते हो कर लो. जिसके बाद आरोपी के धोखाधड़ी किये जाने पर प्रार्थिया महिला ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया.

आरोपी पुलिस कर्मी वर्तमान में है निलंबित

मामले में पुलिस ने आरोपी संजीव मिश्रा की पतासाजी शुरू की. आरोपी के संबंध में जानकारी मिली कि संजीव मिश्रा पुलिस विभाग में आरक्षक है, और पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा में संबद्ध है. जो वर्तमान में निलंबित है और गैरहाजिर है. साथ ही आरोपी की मूल पदस्थापना इकाई जिला दुर्ग है. जिस पर फरार आरोपी की तलाश में पुलिस ने रेड कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है.