प्रवीण साहू, अभनपुर। ऑनलाइन निवेश के नाम पर शिक्षित और अधिकारी भी ठगी के शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला अभनपुर इलाके से आया है, जहां लोक निर्माण विभाग गरियाबंद में उपअभियंता पद पर पदस्थ गोबरा नवापारा नगर के रहने वाले कृष्ण कुमार जगने से फर्जी निवेश सलाहकारों ने 9 लाख 75 हजार रुपए की ठगी कर ली। मामले की शिकायत पर गोबरा नवापारा थाने में 318(4) बीएनएस की धारा के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।

शिकायत के मुताबिक, पीड़ित अधिकारी से एक अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क कर स्वयं को सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से प्रमाणित निवेश सलाहकार बताया। शुरू में थोड़ी रकम लगाकर तुरंत लाभ दिखाया और अधिकारी का विश्वास जीतकर अलग-अलग बैंक खातों तथा भुगतान पहचान (यूपीआई) पर कुल 9.75 लाख रुपये जमा करा लिए। शंका होने पर जब अधिकारी ने सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर उक्त सलाहकार का पंजीकरण जांचा तो पता चला कि उसका कोई नाम ही नहीं है।

अपने साथ ठगी होने का एहसास होने पर उपअभियंता ने तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस व साइबर प्रकोष्ठ की संयुक्त टीम अब मामले की गहराई से जांच कर रही है। जिन खातों में धनराशि भेजी गई, उनकी तकनीकी जांच, संदिग्ध मोबाइल नंबर, भुगतान पहचान व डिजिटल लेन-देन की पूरी कड़ी को खंगाला जा रहा है।

प्रारंभिक अनुमान है कि यह किसी संगठित साइबर गिरोह का किया-धरा हो सकता है, जो निवेश के लालच में शिक्षित लोगों तक को फंसा रहा है। सबसे गंभीर चिंता यह है कि रोजाना ठगी की खबरें सामने आने के बावजूद पढ़े-लिखे लोग भी ऐसे झांसे में आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अधिक लाभ का लालच आज साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। बैंक और सेवा प्रदाता कंपनियों की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है।