गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। पेंड्रारोड न्यायालय ने 2 साल पहले अपनी ही मां की हत्या करने वाले कलयुगी बेटे को दोषी करार देते हुए 1000 रुपये के अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति अग्रवाल ने यह फैसला सुनाया, जिसके बाद पुलिस ने युवक को जिला जेल पेंड्रारोड भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक, युवक का नाम देवीलाल खैरवार (उम्र 30 साल) है, जो कि मरवाही थाना क्षेत्र के ग्राम टिहाईटोला, बेलझिरिया का रहने वाला है। 1 सितंबर 2023 की दोपहर देवीलाल ने अपनी ही मां धुनी बाई के सिर पर लकड़ी के डंडे (रूंधान का गेंड़ा) से वार कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी।
मामले की जांच में यह बात सामने आई कि देवीलाल की दो पत्नीयां है और वह कुछ काम भी नहीं करता था। घटना से पहले उसने फाइनेंस में एक बाइक खरीदी थी, जिसकी किस्त अदा करने उसके पास पैसे नहीं थे। वारदात के दिन उसने अपनी मां से पैसों की मांग की थी, लेकिन जब उन्होंने इंकार कर दिया तो उसने तैश में आकर उसकी हत्या कर दी।
मामले में तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक नवीन मिश्रा ने समय रहते सभी साक्ष्य एकत्र किए और न्यायालय में मजबूत पेश किया। वहीं पीड़ित पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कौशल सिंह ने प्रभावी पैरवी करते हुए आरोपी को दोषी सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाई।
न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों, परिस्थितियों, आरोपी के सामाजिक व आर्थिक पहलुओं एवं अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी को दोषसिद्ध पाया। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि आरोपी ने अपनी ही मां की हत्या कर एक अत्यंत क्रूर, अमानवीय और समाज को झकझोर देने वाला कृत्य किया है, जो किसी भी दृष्टिकोण से क्षम्य नहीं है। यह अपराध समाज में घोर निंदनीय है और इससे समाज में गलत संदेश जाता है। न्यायालय के आदेशानुसार दोषी देवीलाल खैरवार को सजा भुगतने के लिए जिला जेल पेंड्रारोड भेज दिया गया है।
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