प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद कवर्धा में पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रही है. CM बघेल ने कहा था कि कवर्धा में 5 अक्टूबर को रैली के दौरान हुई घटना की जांच करें, VIDEO के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान करें.  शांति व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं. पुलिस कवर्धा में दंगा फैलाने की साजिश करने वालों पर लगातार लगाम कसने में लगी हुई है.

इसी कड़ी में शनिवार को पुलिस ने हिंसा फैलाने वाले मामले में सोशल मीडिया पर चल रहे फेक न्यूज़ के खिलाफ कार्रवाई की. 7 पोस्ट और 4 वीडियो को पुलिस विभाग ने चिन्हांकित किया है. इंटरनेट सेवा शुरू होने के बाद और हिंसा बढ़ाने के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सोशल मीडिया पर पुलिस लगातार निगरानी कर रही है.

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ फेक न्यूज़ अपलोड करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. अबतक 1 हजार लोगों पर हिंसा मामले में FIR दर्ज हो चुकी है. इसमें से सोशल मीडिया और वीडियो के आधार पर पुलिस अबतक 172 लोगों की पहचान कर चुकी है. इसके साथ ही 93 लोगों की गिरफ्तारी गई है. अभी कार्रवाई जारी है.

बता दें कि कवर्धा में झंडे लगाने के नाम पर हुए विवाद अब शांत हो गया है. आज सातवां दिन था. कवर्धा शहर में कर्फ्यू जारी है. जिला प्रशासन ने सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी, ताकि लोग अपनी जरूरत के सामान खरीद सकें, जिसे आज लोग बेखौफ अपने घरों से निकले और बाजारों में खरीदारी करते दिखे.  वहीं पुलिस की कार्रवाई जारी है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है.  नगर के सीमा पर अभी भी पुलिस की तैनाती है. बाहरी व्यक्तियों को नगर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है.

पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि अब तक इस मामले में 7 FIR और 93 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. लगातार पुलिस वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्य के आधार पर लोगों की पहचान कर उसके संबंध में अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी कर रही है. इंटरनेट की सुविधा बहाल कर दी गई है. साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति विशेष के द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

साथ ही जिस ग्रुप में भी इस तरह की पोस्ट की जाएगी, उस ग्रुप एडमिन पर भी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर है. सोशल मीडिया से कुछ कंटेंट भी डिलीट कराए जा चुके हैं. वहीं प्रशासन अब लोगों को मंदिरों में पूजा कार्य के लिए आने जाने के लिए छूट देने पर विचार कर रही है. साथ ही परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर उन्हें परीक्षा केंद्र तक आने की भी छूट दी गई है.

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