रायपुर। राजधानी रायपुर में स्टाम्प विक्रेताओं पर सरकारी गाज गिरी है. स्टाम्प विक्रेता अधिक कीमत पर स्टाम्प विक्रय कर रहे थे. पक्षकारों को स्टाम्प के मूल्य से अधिक कीमत पर स्टाम्प के विक्रय की शिकायतें मिली थी. इसके बाद सचिव, वाणिज्यिक कर पंजीयन निरंजन दास ने संज्ञान लिया. उप महानिरीक्षक पंजीयन को निरीक्षण कर मामले की जांच के लिए निर्देशित किया.

स्टाम्प वेंडर्स पर गिरी ‘सरकारी गाज’

उप महानिरीक्षक पंजीयन और जिला पंजीयक रायपुर की टीम ने संयुक्त रूप से को रायपुर तहसील परिसर और कलेक्ट्रेट परिसर का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान कुल 9 स्टाम्प वेंडर्स का निरीक्षण किया गया, जिसमें से 4 स्टाम्प वेंडर्स अधिक राशि पर विक्रय करना पाया गया.

लाइसेंस निलंबित के साथ शोकॉज नोटिस जारी

निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर स्टाम्पों का विक्रय करने वाले स्टाम्प वेंडर्स अशोक कुमार साहू, गीता बघेल, दिलीप कुमार साहू, देव कुमार जोशी को भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अधीन स्टाम्पों के विक्रय करने पर तत्काल प्रभाव से उनका लाइसेंस निलंबित किया गया. शेष 5 स्टाम्प वेण्डरों के द्वारा अन्य अनियमितता पाये जाने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

राज्य में स्टाम्पों की आपूर्ति के लिए भौतिक स्टाम्पों के साथ ई-स्टाम्पों के प्रदाय की भी व्यवस्था है. इसेक लिए स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा अधिकांश जिलों में ई-स्टाम्प सुविधा केन्द्र संचालित है. इसके अलावा राज्य में लगभग 1100 लोक सेवा केन्द्रों एवं कतिपय बैंको को भी ई-स्टाम्पों के प्रदाय के लिए अधिकृत किया गया है. स्टाम्प वेण्डरों द्वारा अधिकांशतः छोटे मूल्य के स्टाम्प (500 रूपये तक के स्टाम्पों) का विक्रय किया जाता है.

बता दें कि स्टाम्पों को अधिक कीमत पर बेचने पर अंकुश लगाए जाने के लिए राज्य के समस्त जिला पंजीयकों द्वारा नियमित रूप से स्टाम्प वेण्डरों का निरीक्षण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं.

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