सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प उद्योग विभाग में करप्शन के बाद करप्शन की कहानी जारी है. अफसरों की साठगांठ से सरकारी खजाना लगातार खाली हो रहा है. 1 लाख की बिक्री नहीं हो रही है, लेकिन अधिकारियों की मेहरबानी से कंपनी को हर महीने लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है, जो कि भुगतान नियम विरुद्ध लगातार किया जा रहा है.
दरअसल, गुजरात के आरमार्ट कंपनी के साथ हस्तशिल्प उद्योग विभाग ने ओएमयू किया था, जिसमें शर्त ये थी कि राज्य के बाहर 3 लाख की सामग्री बेचने पर 5 % कमीशन दिया जाएगा, लेकिन पिछले कई महीने से 1 लाख की बिक्री भी नहीं हो रही है, बावजूद इसके प्रतिमाह कंपनी 4-5 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है.
वहीं ऑनलाइन बिक्री के लिए गुजरात के कंपनी को प्रति माह 4 लाख से 5 लाख देने के मामले को लेकर विभागीय मंत्री गुरु रुद्र ने कहा कि हाल में ही इसकी जानकारी मिली है. इसमें जांच कमेटी गठित करने का आदेश दे दिया गया है. जांच में जो भी व्यक्ति दोषी मिलेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी.
ग़ौरतलब है कि गुजरात के कंपनी को ऑनलाइन बिक्री उत्पाद 5, लाख से ज़्यादा बेचने पर 5 प्रतिशत देने का एमओयू किया गया था, लेकिन राज्य के बाहर एक लाख की भी सामाग्री नहीं बिक रही है. बावजूद गुजरात के कंपनी को 4-5 लाख रुपया का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है. ऐसे में विभाग और अधिकारी सवालों के घेरे में हैं.
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