संदीप सिंह ठाकुर. लोरमी. मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में एक परिवार ऐसा भी है जिसने आरक्षण को लेकर अनोखे अंदाज में विरोध जताया है. एक शख्स ने अपने घर के सामने बैनर लगाकर अपने आप को सवर्ण बताया है और राजनीतिक दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दरवाजे पर वोट मांगने के लिए आने से मना किया है.
संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट है घर का मुखिया
बता दें कि यह अनोखा मामला लोरमी से मुंगेली जाने वाली मुख्य मार्ग पर स्थित सेमरिया गांव के चंद्रशेखर राजपूत के परिवार का है. संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट और पीएचडी कर चुके चंद्रशेखर राजपूत के परिवार के लोगों का कहना है कि हम आरक्षण में सवर्णों की उपेक्षा को लेकर नाराज है, जिसके चलते हमने चुनाव बहिष्कार करने का फैसला किया है.
परिवार के सभी 17 सदस्यों ने लिया एकजुट फैसला
घर के एक सदस्य ने बताया कि परिवार में सदस्यों की संख्या 17 है, सभी ने मिलकर बहिष्कार का निर्णय लिया है. नेता लोग अपने वोट मांगने आते हैं, और जब वो जीत जाते है तो फिर सारे वादे भूल जाते है. इसलिए वो घर के बाहर ही लिखकर विरोध कर आगामी चुनाव में अपने मतों का प्रयोग ही नहीं करेंगे. वहीं नोटा के बारे में परिवार के सदस्यों का कहना है कि किसी पार्टी को मतदान ही नहीं करना है, तो नोटा का कोई मतलब ही नहीं.