फीचर स्टोरी। ये कहानी गौठानों में धन वर्षा की है. जहां पशुपालकों को समृद्धि मिल रही है और धन का अंबार मिल रहा है. ग्रामीणों के सपनों को आकार मिल रहा है. गोबर बेचकर महिलाएं, पशुपालक और किसानों की किस्मत चमक रही है. भूपेश सरकार की चाक चौबंद योजनाएं हितग्राहियों की तकदीर बदल रही हैं. लाभकारी योजनाओं की सुंदर तस्वीरें ग्रामीणों की मुक्कदर चमका रही हैं. गौठानों से गांव-गांव में हितग्राहियों के लिए समृद्धि का दरवाजा खुल गया है. भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचकर पशुपालकों की कमाई में बरकत हो रही है. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने हितग्राहियों के खाते में 435.33 करोड़ डालकर पशुपालकों की तकदीर बदली है, उनके चेहरों पर खुशियों की लकीर खींची है.
खुशियों से भरी ग्रामीणों की झोली
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना पशुपालक, किसान, चरवाहों के लिए एक ऐसी योजना साबित हुई, जिसने ग्रामीणों की झोली खुशियों से भर डाली. सीएम भूपेश बघेल अब तक गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 435.33 करोड़ का भुगतान कर चुके हैं. अभी फिर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 4 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे.
इसमें 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 1.30 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 59 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1 करोड़ 6 लाख रूपए और महिला समूहों को 75 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं.
गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान बराबर की भागीदारी
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं. बीते कई महीनों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक की रहने लगी है. आज की स्थिति में 50 फीसद से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान के अन्य व्यवस्थाएं कर रहे हैं.
1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी
1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में कुल 1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 2.59 करोड़ रूपए की राशि में से 1.24 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा और 1.67 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा. स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 49.21 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है.
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को लगभग 435 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. 20 अप्रैल को 4.40 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 439 करोड़ 73 लाख रूपए हो जाएगा. यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है.
गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी
राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से 31 मार्च तक क्रय किए गए गोबर के एवज में 222 करोड़ 9 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. 20 अप्रैल को गोबर विक्रेताओं को 2.59 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 224 करोड़ 68 लाख रूपए हो जाएगा.
गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 190 करोड़ 84 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 20 अप्रैल को 1.81 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 192.65 करोड़ रूपए हो जाएगा.
गोधन न्याय योजना से 3 लाख 36 हजार ग्रामीण पशुपालक लाभान्वित
राज्य में गोधन न्याय योजना की लोकप्रियता और इससे ग्रामीणों का जुड़ाव तेजी से बढ़ता जा रहा है. गौठानों में इस योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी से गांवों में रोजगार और आय का बेहतर अवसर सुलभ हुआ है. गोबर बेचने से हो रहे लाभ के चलते ग्रामीण अंचल में पशुपालन को बढ़ावा मिलने लगा है. पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नया वातावरण तैयार हुआ है.
3 लाख 36 हजार से अधिक पशुपालक हो रहे लाभान्वित
गौठानों में गोबर खरीदी से वर्तमान में 3 लाख 36 हजार से अधिक ग्रामीण पशुपालक किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं. बीते एक साल में इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित पशुपालक ग्रामीणों की संख्या 2.11 लाख से बढ़कर 3.36 लाख से अधिक हो गई है. लाभान्वितों की संख्या में यह वृद्धि 59 प्रतिशत है.
10, 690 गांवों में गौठान निर्माण की स्वीकृति
राज्य में सुराजी गांव योजना के गरूवा कार्यक्रम के अंतर्गत गोधन के संरक्षण और संर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है. राज्य में राज्य में अब तक 10,690 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 10,001 गौठान निर्मित एवं 551 गौठान निर्माणाधीन है. अभी 138 गौठानों का निर्माण कार्य शुरू कराया जाना है. निर्मित गौठानों में छत्तीसगढ़ सरकार की मंशानुरूप गौठान समितियों द्वारा पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क प्रबंध है.
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