सुप्रिया पांडेय, रायपुर। पंचायती राज व्यवस्था के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया स्वरुप प्रदान करने की दृष्टि से सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक और पंचायत विभाग के अधिकारियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए. पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के सिविल लाइन्स स्थित निवास स्थान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

एमओयू में प्राप्त सीएसआर की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नए आयाम प्राप्त होंगे, जो केवल ग्रामीण विकास विभाग ही नहीं अपितु अन्य विभागों पर भी प्रभाव डालेंगे, लगभग 4 करोड़ के सीएसआर से यह व्यवस्था निश्चित ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे. इस एमओयू में एनआरएलएम की भी सहभागिता सुनिश्चित की गई है.

पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक इंटीग्रेटेड योजना के माध्यम से कार्य कर रहे हैं, इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक ने विभाग के लिए अधोसंरचना विकास और आईटी सेक्टर के लिए प्लानिंग बनाई हुई थी, जिसमें एसेट रेजिस्टर और इंडिविजुअल के लिए इनकम जनरेशन के 2 प्रमुख चरण हैं. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 1 वर्षीय इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर की स्थिति में पहुंचे हैं.

हर परिवार की न्यूनतम वार्षिक आय के निर्धारण में उपयोगी

पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने शासन के प्रयास को सहृदयता से अपनाने और सहयोग करने के निर्णय पर बैंक प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 4 करोड़ रुपए का आर्थिक समर्थन किसी भी पैमाने में छोटा नहीं माना जाता है. उन्होंने कहा कि समाज में आर्थिक असमानता को कैसे कम किया जाये इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारे पास जो डाटा उपलब्ध होनी चाहिए. इस दिशा में बैंक से सहभागिता के बिना हम स्वयं को अधूरा महसूस कर रहे थे. सिंहदेव ने आगे कहा कि न्यूनतम वार्षिक आय में कलेक्टर दर को पैमाना मानकर हम कार्य कर रहे हैं, एक महीने में व्यक्ति को कितना रोजगार मिलना चाहिए, जिससे वह सामान्य जीवन जी सके.