रायपुर..मुख्य सचिव विवेक ढांड ने आज शाम मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये जिला कलेक्टरों की बैठक लेकर अल्प वर्षा और सूखे की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी कलेक्टरों को वर्षा के प्रतिदिन समीक्षा करने के साथ ही सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पांच सितम्बर से पहले प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अल्प वर्षा से प्रभावित ऐसी तहसीलें जहां 25 प्रतिशत गांव सूखे से प्रभावित हैं, उन्हें सूखा ग्रस्त माना जा सकता है।
मुख्य सचिव ने जिलेवार वर्षा की स्थिति, फसलों की स्थिति, सिंचाई, पेयजल, फसल बीमा आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन तहसीलों में कम वर्षा अथवा खण्ड वर्षा के कारण प्रभावित गांवों को सूखा क्षेत्र की श्रेणी में मानकर प्रतिवेदन में शामिल किया जा सकता है। फसल पैदावार का आंकलन फसल कटाई प्रयोग के आधार पर फसल कटाई के दौरान किया जाता है। सूखे की संभावित स्थिति को देखते हुए ग्रामवार तथा तहसीलवार खरीफ फसल की वर्तमान स्थिति का नजरी आंकलन कराए जाए।मुख्य सचिव ने कहा कि अल्प वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में नदी-नालों में उपलब्धि पानी को मोटर पंप या डीजल पंप के माध्यम से सिंचाई के लिए उपयोग करने के किसानों को प्रेरित किया जाए। सिंचाई साधनों के उपयोग के लिए निरंतर विद्युत की उपलब्धता नियमित रूप से हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि अल्प वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक फसल के लिए किसानों को वैकल्पिक फसल – चना, मूंग, उड़द, अलसी, रामतिल फसल लेने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन फसलों के बीज के लिए प्रबंध संचालक राज्य बीज विकास निगम से संपर्क करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव राजस्व एन.के. खाखा ने बताया कि राज्य के 14 जिलों की 40 तहसीलों में 70 प्रतिशत से कम बारिश हुई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि अजय सिंह, सचिव जल संसाधन गणेश शंकर मिश्रा, सचिव खाद्य ऋचा शर्मा, सचिव कृषि अनूप श्रीवास्तव, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी शहला निगार, आयुक्त भू-अभिलेख रमेश शर्मा और प्रबंध संचालक राज्य बीज विकास निगम आलोक अवस्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।