बिलासपुर. कृष्ण कुमार शर्मा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका प्रस्तुत की. जिसमें उन्होंने गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर (अर्थशास्त्र विभाग) के पद पर नमिता शर्मा की नियुक्ति, दिनांक 24.7.2007 को चुनौती दी.

दरअसल, 23.9.2006 में गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने विज्ञापन जारी कर इच्छुक उम्मीदवारों से विभिन्न विषयों में सहायक प्राध्यापक के पद पर भर्ती के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए थे. कृष्ण कुमार शर्मा ने भी योग्य उम्मीदवार होने के नाते अपना आवेदन सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र विषय के पद पर सलेक्शन और भर्ती के लिए जमा किया. भर्ती प्रक्रिया के अनुसार विभिन्न शोध पत्रों /पुस्तकों के प्रकाशन और अनुभव के आधार पर अंको का विभाजन किया गया था. इसके अलावा साक्षात्कार के लिए 20 अंकों की व्यवस्था की गई थी. कृष्ण कुमार शर्मा ने अपने आवेदन के साथ 19 शोध पत्रों के प्रकाशन की सूची प्रस्तुत की थी. लेकिन 19 अंकों के स्थान पर उन्हें केवल 14 अंक दिए गए. साथ ही साक्षात्कार में 20 में से केवल 3 नंबर ही दिए गए. जबकि नमिता शर्मा को शोध पत्रों के प्रकाशन पर 8 अंक और साक्षात्कार में 19 अंक दिए गए. साथ ही अनुभव के लिए 3 अंक दिए गए.

कृष्ण कुमार शर्मा के अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने न्यायालय को बताया कि नमिता शर्मा ने गेस्ट लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. जबकि नियमित प्राध्यापक को ही अनुभव के अंक प्रदान किए जाने थे. इस तरह उन्हें 3 अंक गलत प्रदान किया गया. साथ ही साथ शोध पत्रों के प्रकाशन पर भी नमिता शर्मा को 8 अंक गलत प्रदान किया गया है. क्योंकि उसने दस्तावेज ना लिखे ना जमा किए. इस तरह नमिता शर्मा को कुल 30 अंक प्राप्त हुए हैं. जबकि वह 20 से भी कम अंकों की हकदार हैं और गलत तरीके से 20 में से 19 अंक साक्षात्कार में प्रदान किए गए हैं. जबकि कृष्ण कुमार शर्मा को अनुभव के 5 अंक मिलाकर कुल 26 अंक प्राप्त हुए हैं. साथ ही साथ भर्ती प्रक्रिया में नमिता शर्मा को लेने के लिए दूषित प्रक्रिया का पालन किया गया. बिना शोध पत्रों की जानकारी दिए उन्हें अंक प्रदान कर दिए गए. जबकि नमिता शर्मा ने अपनी नियुक्ति दिनांक 24.7. 2007 के बाद दिनांक 25.7. 2007 को अपने समस्त दस्तावेज विश्वविद्यालय के समक्ष प्रस्तुत किए थे. इस प्रकार बिना दस्तावेज की प्रस्तुति के नमिता शर्मा को दस्तावेजों के आधार पर अंक प्रदान किए गए और कई दस्तावेज आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद के थे. फिर भी उन दस्तावेजों पर अंक दिए गए.

सभी पक्षों को सुनने के बाद माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की पी सैम कोशी की एकल पीठ ने अपने निर्णय दिनांक 9.12.2022 के द्वारा नमिता शर्मा की नियुक्ति को रद्द कर दिया और कृष्ण कुमार शर्मा को 24.7.2007 की स्थिति से सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र के पद पर नियुक्ति प्रदान करने के लिए गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को निर्देशित किया. कृष्ण कुमार शर्मा को 24.7.2007 से नियुक्त मानते हुए वरिष्ठता और अन्य सभी लाभ प्राप्त होंगे. लेकिन 24.7.2007 से पदभार ग्रहण करने की तिथि तक समस्त लाभ नोशनल होंगे और पदभार ग्रहण करने की तिथि से ही वास्तविक आर्थिक लाभ कृष्ण कुमार शर्मा को प्रदान करने का निर्देश माननीय उच्च न्यायालय ने दिया है.

हालांकि कृष्ण कुमार शर्मा के द्वारा ज्वाइनिंग नहीं देने पर यूनिवर्सिटी नमिता शर्मा को नौकरी में रखने पर विचार कर सकती है.

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