प्रतीक चौहान. रायपुर. 108 संजीवनी एंबुलेंस के कर्मचारियों की 3-3 महीने से सैलरी न मिलने की खबर प्रकाशित होने के बाद अब कर्मचारी खुलकर सामने आ रहे है और अपनी पीड़ा और कर्मचारियों से कराएं जाने वाले अनैतिक कामों की शिकायत लल्लूराम डॉट कॉम से 9329111133 नंबर पर फोन कर जाहिर कर रहे है. आप भी यदि इस संबंध में कोई जानकारी देना चाहते है तो हमें बताएं आपका नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा.

 कर्मचारियों ने दावा किया है कि उन्हें केस लाने का दबाव बनाया जाता है. 108 के विभिन्न जिलों के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें रोजाना 1-1 केस का टारगेट होता है. वहीं 102 के स्टॉफ ने बताया कि उन्हें रोजाना 5 से अधिक केस करने का टारगेट दिया जाता है और टारगेट पूरा करने के चक्कर में उन्हें फर्जी कॉल करना पड़ता है.

कर्मचारियों ने ये भी बताया कि गाड़ी यदि सर्विसंग में रायपुर भी जाएं तो कागजों में गाड़ी को केस में जाना दर्शाया जाता है. इतना ही नहीं यदि कोई एंबुलेंस पंचर भी हो जाएं तो उसे कर्मचारियों से खुद के पैसे से ही बनवाने के लिए कहा जाता है.

एक कर्मचारी ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर का टीए-डीए नहीं मिला है. एक कर्मचारी ने बताया कि कोरोना काल में जब वे मरीजों को अस्पताल ले जाते-जाते संक्रमित हो गया और उसे आइसोलेशन में जाना पड़ा तो उस दौरान के पैसे भी दिए जाने की बात कहकर कंपनी ने आज तक इसका भुगतान नहीं किया है. कर्मचारियों ने ये भी आरोप लगाया कि सैलरी के संबंध में जब भी एचआर को फोन किया जाता है तो वो एक ही जवाब देते है कि इतने पैसे में नौकरी करनी है तो करो या नौकरी छोड़ दो.

एक कर्मचारी ने बताया कि वो पिछले ठेके के दौरान जांजगीर-चांपा में पदस्थ थे. उक्त नया टेंडर होने के बाद उसका ट्रायल हुआ और कहा गया कि 1 हफ्ते के लिए रायगढ़ चले जाओ, फिर पुनः यहां आ जाना. स्टॉफ जब रायगढ़ चला गया और 1 हफ्ते बाद वापस पुनः अपने मूल स्थान में आने का निवेदन किया तो कंपनी के एचआर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इस दौरान डीएम से उसकी बहस भी हुई, जिसे वे खुद स्वीकार भी कर रहा है. लेकिन इसी आरोपी में उसका ट्रांसफर बस्तर कर दिया गया. कर्मचारी का कहना है कि उसकी डेढ़ महीने की मासूम बेटी है और अभी वो बेरोजगार है. कंपनी न उसकी पेंडिंग सैलरी दे रही है, न 5.5 हजार रुपए के जमा करवाई डीडी लौटा रही है.

एचआर का कहना है कि वो यां ज्वाईनिंग करे या इस्तीफा दे.

हालांकि 108 प्रबंधन का कहना है कि ये यूनियन का पूरा षड़यंत्र है और वहीं कर्मचारियों को गलत बयान देने के लिए भड़का रहे है. उन्होंने उक्त सभी आरोपों पर सिर्फ एक लाइन का जवाब ये दिया है कि ये सभी आरोप निराधार है और ये पूरा षड़यंत्र प्लानिंग के तहत होने की बात भी कही.

हालांकि कर्मचारियों के 12-12 घंटे काम करने पर कहा कि उन्हें रिलीवर दिया जा रहा है. 3 महीनों की सैलरी रोके जाने को लेकर उन्होंने कहा कि ये समस्या विगत एक माह से निर्मित हुआ है। इस समस्या को जल्द दूर कर लिया जाएगा.