सत्यपाल सिंह,रायपुर। किन्नरों को अभी तक आपने अपनी आजीविका के लिए ट्रेन पर लोगों के सामने ताली बजाकर हाथ फैलाते देखा होगा. आपकी खुशियों पर नाचते-गाते देखा होगा. अब वही तृतीय लिंग समुदाय के लोग अपनी सेवा छत्तीसगढ़ पुलिस में देंगे. छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने अपने कालम में तृतीय लिंग का ऑप्शन दिया था. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने आवेदन दाखिल किया. फिर कड़ी मेहनत और लगन से पुलिस के बौद्धिक और शारीरिक परीक्षा पास किया. पुलिस भर्ती परीक्षा के अंतिम परिणाम में राज्य भर से 15 किन्रर का चयन हुआ है.

पुलिस भर्ती में शामिल प्रतिभागियों ने भारतवर्ष और विश्व को यह संदेश दिया है कि उन्हें अपने हुनर दिखाने का मौका मिले, तो वे स्त्री-पुरुष से कंधा से कंधा मिलाकर चल सकते हैं. वे भी सम्मानपूर्ण जीवन के हकदार हैं. तृतीय लिंग व्यक्ति को समाज में कलंक माने जाने के कारण वे परिवार और समाज से बहिष्कृत हो रहे हैं. वे पूरी तरह से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में प्रतिभागी होने से वंचित रहे हैं.

चयनित प्रतिभागी कृषि तांडी कहती है कि मैं आज बहुत खुश हूँ. मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है कि मैं इस खुशी को व्यक्त कर पाऊँ. मैं और मेरी सभी साथियों ने इस परीक्षा के लिए बहुत मेहनत किया. यह हमारे लिए ऐसा अवसर था जिससे हमारी जिंदगी बदल सकती थी. इसलिए सबने दिन-रात मेहनत की थी. धमतरी से चयनित होने वाली कोमल साहू कहती है कि यह ऐसी खबर है जिस पर अभी भी भरोसा नहीं हो रहा है, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इज्जत और सम्मान का जॉब मिलेगा.

किन्नर समाज व मितवा समिति ने छत्तीसगढ़ सरकार और गृह विभाग को धन्यवाद किया है. उन्होंने उन सभी लोगों का धन्यवाद दिया है जिनका सहयोग रहा. तृतीय लिंग व्यक्तियों को पुलिस में भर्ती करवाने का सपना देखने वाली और इस सपने को साकार करने के लिए मेहनत करने वाली ट्रान्सजेंडर अधिकार कार्यकर्ता व मितवा समिति की अध्यक्ष विद्या राजपूत ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दिया है.

जिन तृतीय लिंग प्रतिभागियों का पुलिस में चयन हुआ है उसमें रायपुर से दीपिका यादव, साहू, निशु क्षत्रिय, शिवन्या पटेल, नैना सोरी, सोनिया जंघेल, कृषि तांडी, सबुरी यादव, बिलासपुर से सुनील, रुचि यादव, धमतरी जिले से कोमल साहू, अंबिकापुर से अक्षरा, राजनांदगांव जिले से कामता, नेहा और डोली शामिल है.