मनोज यादव,कोरबा. आदिवासी बाहुल्य गांव नकटीखार में पिछले कुछ दिनों से मधुमक्खियों की दहशत बनी हुई है. गांव में आए गिद्ध के कारण यह समस्या खड़ी हुई है. मधुमक्खियों से बचने के लिए लोगों को कई प्रकार की तकनीक अपनानी पड़ रही है. जानकारी के अनुसार अब तक मधुमक्खियों के काटने से 15 लोग जख्मी हो चुके हैं.

बता दें कि, जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर नकटीखार गांव के लोग मधुमक्खियों के आतंक से परेशान हैं. सड़कों में खामोशी है. इससे पता चलता है कि लोग परेशान हैं. मसला यह है कि यहां पर कुछ दिनों से मधुमक्खियों ने गांव के पास पेड़ में अपना डेरा जमा रखा है और बार-बार उनके ठिकाने पर एक गिद्ध आक्रमण करता है. प्रतिक्रिया होने पर स्थिति बदल जाती है और फिर इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ता है.

गांव में ये स्थिति पिछले तीन दिन से ऐसी बनी हुई है कि, लोग जैसे ही घर से निकलते हैं मधुमक्खी हमला करने लगती है. लोग घर से निकलने से पहले सोचते है कि वो कैसे निकले. इतना ही नहीं मधुमखियों से बचने लोग हेलमेट और कम्बल का सहारा ले रहे हैं. उसके बाद भी लोग नहीं बच पा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह जगह धुंआ जलाया जा रहा है, ताकि धुंए से भाग सकें.

लक्ष्मी बाई ने बताया कि, उनके पति ज्ञानदास लकवा ग्रस्त हैं. वे किसी काम से पास के ही दुकान में सामान लेने गए थे उसी दौरान मधुमक्खियों ने हमला कर दिया.

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक दर्जन से अधिक लोगों को मधुमक्खी ने हमला कर घायल किया है. गांव में बनी हुई इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हर कोई चिंतित है. अब तक ऐसा कोई तरीका लोगों को नजर नहीं आ रहा है, जिससे कि वह इस परेशानी से मुक्त हो सकें.

देखें वीडियो-

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक