पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों को मात देने के लिए और बच्चों को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा देने के लिए आत्मानन्द स्कूल बनाया गया है, ताकि गरीब छात्रों का भी भविष्य संवर सके, लेकिन इन सबके बीच निराशे की खबर है. आत्मानन्द स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चों को यूनिफार्म ही नहीं मिला है, जबकि कुछ दिन बाद ही 15 अगस्त और गणवेश नहीं मिलने से छात्र कैसे राष्ट्रीय पर्व मनाएंगे, ये बड़ा सवाल है ?.

दरअसल, भूपेश सरकार के सपनों का आत्मानन्द स्कूल बगैर यूनिफॉर्म के कैसे प्राइवेट स्कूलों की बराबरी करेगा. सीएम भूपेश बघेल के सपनों शिक्षा विभाग पलीता लगाने का काम कर रहा है.

जानकारी के मुताबिक जिले के 11 स्कूलों में लगभग 1500 नए बच्चों की भर्ती हुई है, जिनके पास गणवेश नहीं है. योजना के तहत सम्पूर्ण गणवेश निःशुल्क दिया जाना है. पेंट शर्ट के अलावा इसमे टाई और बेल्ट भी शामिल है. कुछ सम्पन्न लोगों ने अपने बच्चों के लिए यूनिफॉर्म सिलवा लिया है, लेकिन गरीबों का क्या ?

बताया जा रहा है कि बच्चों को स्कूल का होलोग्राम लगा बेल्ट टाई बाजार में उपलब्ध नहीं होने के कारण बगैर बेल्ट टाई के ही स्कूल भेजा जा रहा है. 15 अगस्त नजदीक है. समय पर गणवेश नहीं पहुंचा तो इस राष्ट्रीय पर्व में बगैर गणवेश के ही बच्चे मॉडल अंग्रेजी में नजर आएंगे.

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर ने कहा कि मांग कलेक्टर के माध्यम से शासन को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही गणवेश मिलने की संभावना है, लेकिन कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में बच्चों में भी निराशा देखने को मिल रही है.

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